हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जातियों के उत्थान व कल्याण के लिए उठाए अनेक कदम

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घर की मरम्मत के लिए लाभार्थियों को 186 करोड़ की राशि दी गई

सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हरियाणा सरकार

चंडीगढ़, 16 अप्रैल – हरियाणा सरकार प्रदेश में सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में ‘सबका साथ सबका विकास’ की भावना के साथ सरकार सभी को बराबर के हक दिलाने, सभी का जीवन खुशहाल व समृद्ध बनाने और सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मुहैया करवाने के लिए कृत-संकल्प है। इसी दिशा में अनुसूचित जातियों के उत्थान व कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए गये हैं। इस वर्ग की बेटियों और युवाओं के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. राज्य सरकार ने डॉ. बी. आर. अम्बेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत अनुसूचित जाति के बी.पी.एल परिवारों को घर की मरम्मत के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता के अंतर्गत 47 हजार 532 लाभार्थियों को 186 करोड़ 4 लाख रुपये की राशि दी गई है।

हरियाणा सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक अनुसूचित जाति के परिवार को अपनी बेटी के हाथ पीले करने में धन की कमी आड़े न आए, इसके लिए मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अनुसूचित जाति के बी.पी.एल परिवारों की बेटी की शादी पर 71,000 रुपये शगुन राशि दी जा रही है। ‘मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतर्जातीय विवाह शगुन योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये किया गया है। ‘आपकी बेटी हमारी बेटी योजना’ के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के परिवार में तीन बेटियों के जन्म तक प्रति बेटी 21,000 रुपये की राशि दी जाती है। प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा में अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग सुविधा दी जा रही है। ‘डॉ. अम्बेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए 12,000 रुपये तक की वार्षिक छात्रवृत्ति दी जा रही है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को 2500 रुपये से लेकर 13,500 रुपये तक वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है। बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के तहत बनाये गये छात्रावासों में अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क आवासीय सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। राजकीय तथा राजकीय सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रर्मों में दाखिले के लिए अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 20 प्रतिशत सीटों में से आधी सीटें ‘वंचित अनुसूचित जातियों’ के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित की गई हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सभी भर्तियों के लिए एकल पंजीकरण सुविधा शुरू की गई है। इसमें अनुसूचित जाति के प्रार्थी से एक ही बार में 200 रुपये फीस ली जाती है।

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा में अनुसूचित जाति के किसानों को एक क्यूबिक के बायो गैस प्लांट पर 10,000 रुपये व 2 से 6 क्यूबिक के बायो गैस प्लांट पर 13,000 रुपये सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति के किसानों को बैटरी चालित स्प्रे पम्प पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। मत्स्य पालन में अनुसूचित जाति योजना के तहत अनुसूचित जातियों के मत्स्य पालकों को हैचरी स्थापित करने, मछली की दुकान खोलने, जाल व चारा खरीदने आदि के लिए 25 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। वर्ष 2020-21 में 1500 अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को 4 करोड़ रुपये की राशि सब्सिडी के रुप में दी गई। अनुसूचित जाति विशेष योजना के अन्तर्गत 3 पशुओं की डेयरी, सूअर पालन व भेड़-बकरी पालन इकाइयां स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। “सिलाई प्रशिक्षण” योजना में अनुसूचित जाति की विधवाओं तथा निराश्रित महिलाओं और लड़कियों को सिलाई का एक वर्षीय प्रशिक्षण मुफ्त दिया जाता है। उन्हें 600 रुपये मासिक भत्ते के अलावा कच्चा सामान खरीदने के लिए 300 रुपये मासिक भी दिये जाते हैं। प्रशिक्षण उपरान्त एक सिलाई मशीन भी दी जाती है। अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को औद्योगिक प्लाट आवंटित होने पर उसकी लागत में 10 प्रतिशत की छूट दी जाती है। स्टैंडअप इंडिया स्कीम में प्रत्येक बैंक शाखा से ऋण लेने वाले प्रार्थियों में से कम से कम एक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के प्रार्थी को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक ऋण स्वीकृत करवाया जाता है।

उन्होंने बताया कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत अनुसूचित जाति के बी.पी.एल परिवारों को घर की मरम्मत के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 80 हजार रुपये की गई है। इस योजना के तहत मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 47 हजार 532 लाभार्थियों को 186 करोड़ 4 लाख रुपये की राशि दी गई है। गरीब व जरूरतमंद परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पंजीकृत परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।

 

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