हरियाणा सरकार ने सरकारी विज्ञापनों और उनके भुगतान की समूची प्रक्रिया में पारदर्शिता व दक्षता लाने के लिए ईआरपी सॉफ्टवेयर लांच किया

Haryana Government launches ERP Software for transparent & efficient release of State Government Advertisements

हरियाणा सरकार ने सरकारी विज्ञापनों और उनके भुगतान की समूची प्रक्रिया में पारदर्शिता व दक्षता लाने के लिए ईआरपी सॉफ्टवेयर लांच किया

चण्डीगढ़, 14 दिसम्बर- हरियाणा सरकार ने बड़ी पहल करते हुए मीडिया हाउसेज को जारी किए जाने वाले सरकारी विज्ञापनों और उनके भुगतान की समूची प्रक्रिया में पारदर्शिता व दक्षता लाने के लिए  इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सॉफ्टवेयर लांच किया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस सिस्टम की शुरुआत करते हुए कहा कि इस  सॉफ्वेयर के शुरू होने से रिलीज़ ऑर्डर व विज्ञापन संबंधी भुगतान भी इसी प्रणाली के माध्यम से किए जाएँगे । उन्होंने कहा कि बिल सब्मिट होने के  30 दिन के भीतर- भीतर मीडिया संस्थान को भुगतान किया जाना चाहिए।  यह सिस्टम कल से शुरू हो जाएगा। हालांकि यह प्रणाली भुगतान के पुराने मामलों पर लागूू नहीं होगी लेकिन उनका भी जल्द निपटान किया जाएगा। उन्होंने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम की लॉन्चिंग से जुड़े विभिन्न मीडिया हाउसेज के प्रतिनिधियों से मुखातिब होते हुए कहा कि वे अपने लंबित बिलों की सूची विभाग को भेजें ,ताकि 31 मार्च 2021 तक कोई पुरानी पेंडेंसी ना रहे।

मनोहर लाल ने कहा कि इस सॉफ्टवेयर के शुरू होने से रिलीज ऑर्डर जारी करने और बिल संबंधी समूची प्रक्रिया पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत हो जाएगी। इससे सरकारी विभाग या संस्थान सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग को विज्ञापन संबंधी अनुरोध ऑनलाइन भेज सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्राप्त अनुरोधों के आधार पर मीडिया प्लान ऑनलाइन जनरेट होगा। प्रिंट मीडिया के लिए मीडिया प्लान की स्वीकृति और रिलीज ऑर्डर का सृजन ऑनलाइन वर्कफ्लो पर आधारित होगा। इस कार्यक्रम के शुरू होने से प्रिंट मीडिया और न्यूज एजेंसियों के साथ-साथ विभाग को भी लाभ होगा।

मनोहर लाल ने कहा कि हर चुनौती अपने साथ कई तरह के अवसर भी लेकर आती है। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान भी कई तरह के ‘इन हाउस’ कार्यक्रम विकसित किए गए हैं और ईआरपी भी उन्हीं मे से एक है। उन्होंने कहा कि इस सॉफ्वेयर की खास बात यह है कि इसे एनआईसी के सहयोग से पूरी तरह से ‘इन हाउस’  विकसित किया गया है और यदि कोई भी समस्या आती है तो उसका तुरंत समाधान किया जा सकेगा। उन्होंने मीडिया हाउसेज के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग पूरे देश में इस बात की जानकारी दें कि अगर हरियाणा ऐसा कार्यक्रम विकसित कर सकता है तो दूसरे प्रदेश भी ऐसा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को विकसित किया जाना इस बात का संकेत है कि सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किस तरह से जनहित में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में परिवार पहचान पत्र योजना शुरू की जाएगी जिसका मकसद निचले पायदान पर खड़े लोगों को सीधा लाभ पहुंचाना है।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर ने मीडिया हाउसेज के प्रतिनिधियों से रूबरू होते हुए कहा कि यदि इस सॉफ्वेयर के क्रियान्वयन में किसी तरह की दिक्कत आती है तो आपकी और विभाग की आईटी से संबंधित टीमें आपस में तालमेल करके इन्हें दूर कर सकती हैं।

 विभाग के महानिदेशक पी.सी.मीणा ने कहा कि यह सॉल्यूशन विभाग और मीडिया दोनों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि पहले रिलीज़ ऑर्डर में शामिल मीडिया हाउसेज में से 50 प्रतिशत बिल आने पर ही बिलिंग प्रक्रिया शुरू की जाती थी लेकिन इसके लागू होने से रिलीज ऑर्डर अलग से जारी किए जा सकेंगे और उनकी बिलिंग भी की जा सकेगी। साथ ही, इससे रिकंसीलिएशन संबंधी मुद्दा भी खत्म हो जाएगा, विभाग और मीडिया हाउज़ेज़ के लिए डैश्बॉर्ड होंगे जिस पर रिलीज़ ऑर्डर व भुगतान सम्बंधित सभी जानकरियाँ होगी।

वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न मीडिया हाउसेज के प्रतिनिधियों ने इस अनूठी पहल के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राज्य सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि इससे पूरे सिस्टम का सरलीकरण होगा और सालों से चली आ रही समस्या का समाधान होगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान ओएसडी नीरज दफ़्तवार, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) वर्षा खंगवाल, विभाग की उप-निदेशक (विज्ञापन) उर्वशी रंगारा उपस्थित थे जबकि मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।

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