हरियाणा औद्योगिक निवेश के लिए विश्व का पसंदीदा निवेश स्थल-मुख्य सचिव

निवेश को आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनाओं का गहन अध्ययन करें अधिकारी- कौशल

चंडीगढ़, 21 नवम्बर- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हरियाणा औद्योगिक निवेश की दृष्टि से एक पसंदीदा निवेश स्थल है और अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी ऐसे आवेदनों का निष्पादन निर्धारित समयावधि में करें। अधिकारी विभिन्न योजनाओं का गहन अध्ययन भी करें ताकि इन योजनाओं को निवेशकों की सुविधा के अनुसार लागू किया जा सकें।

मुख्य सचिव आज यहां एचएसआईआईडीसी, सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों के प्रमुखों को अन्तिम तीन माह की प्रदर्शन रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा सभी कार्यकलाप को दिन-प्रतिदिन आधार पर निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान के तहत हरियाणा सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा एमएसएमई में निर्धारित प्रारूप को भी प्रदेश में लागू कर दिया है। इसके तहत, सुक्ष्म उद्योगों में निवेश एक करोड़ व टर्नओवर 5 करोड़, लघु उद्योगों में निवेश 10 करोड व टर्नओवर 50 करोड़ तथा मध्य उद्योगों में निवेश 50 करोड़ तथा टर्नओवर 250 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के बजट के आधार राज्य में लोगों का करीब 22 प्रतिशत एमएसएमई में योगदान रहा है।

राज्य में वर्ष 2021-22 के दौरान 19.06 लाख रोजगार सृजित हुए-कौशल
श्री कौशल ने कहा कि 9.53 लाख सूक्ष्म इकाइयों है, जबकि इस दौरान राज्य में 19.06 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। इसके साथ ही हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम (एचयूएम) के तहत 45844 उद्योग पंजीकृत हुए हैं। इसके अलावा, 4.14 लाख यूनिफार्म रूल्स फॉर कलेक्शन (यूआरसी) पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें 3.90 लाख सूक्ष्म, 21164 लघु तथा 1893 मध्यम इकाइयों यूआरसी पंजीकृत हुई हैं। इन इकाइयों में ऑटोमोबाईल, खाद्य प्रसंस्करण, टैक्सटाईल, चमड़ा, लकड़ी व कागज, धातु उत्पाद, मशीनरी एवं इंजीनियरिंग, फॉर्मा, पैट्रो-कैमिकल, रबड़ उत्पाद तथा बिजली एवं इलेक्ट्रोनिक के उद्योग शामिल हैं।

‘हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020’ लागू, नीति के तहत राज्य में 5 लाख नए रोजगार सृजित करने, 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश तथा निर्यात को 2 लाख करोड़ रूपए तक करने का लक्ष्य-कौशल
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने एक कदम आगे बढक़र काम किया है और उद्योगों को अधिक से अधिक बढ़ावा देकर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु वर्ष 2020 में ‘हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020’ लागू की। इस नीति से राज्य में 5 लाख नए रोजगार सृजित करने, 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश तथा निर्यात को 2 लाख करोड़ रूपए तक करने का लक्ष्य रखा गया। बैठक में बताया गया कि इस नीति के लागू होने के उपरांत कई बड़े निवेशक निवेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं और आगे आ रहे हैं। मुख्य सचिव ने केन्द्र सरकार द्वारा उद्योग विभाग को राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार-2022 प्राप्त करने की बधाई देते हुए कहा कि इसमें और अधिक सुधार की आवश्यकता है ताकि देश में हरियाणा अपनी अलग पहचान छोड़ सके।

बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनन्द मोहन शरण, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री विकास गुप्ता, सूक्ष्म, मध्य एवं लघु उद्योग के महानिदेशक श्री शेखर विद्यार्थी सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।

 

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