चण्डीगढ़, 3 सितंबर– हरियाणा राज्य चैकसी ब्यूरो द्वारा जुलाई माह में 10 जांचें दर्ज की गई और 8 जांचें पूर्ण की गई है जिनमें से 7 जांचों की अन्तिम रिपोर्ट विभाग को व एक जांच की अन्तिम रिपोर्ट लोकायुक्त, हरियाणा को भेजी गई है। इसके अतिरिक्त, दो जांचों का ब्यूरो द्वारा निपटान किया गया है।
ब्यूरो के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई में पूर्ण की गई 8 जांचों में से 5 जांचों मे आरोप सिद्घ हुए हैं, जिनमें से दो जांचों में चार अराजपत्रित अधिकारियों व पांच अराजपत्रित अधिकारियों के विरूद्घ विभागीय कार्यवाही करने व एक अराजपत्रित अधिकारी एवं 1 पूर्व सरपंच के विरूद्घ सम्बन्धित विभाग द्वारा अपने स्तर पर कार्यवाही करने तथा 2 पूर्व सरपंचों से एक लाख 72 हजार रुपये की वसूली करने की सिफारिश की गई।
उन्होंने बताया कि तीसरी जांच में 2 राजपत्रित अधिकारियों के विरूद्ध सम्बन्धित विभाग द्वारा अपने स्तर पर कार्यवाही करने का सुझाव दिया गया है। शेष दो जांचों में 8 राजपत्रित अधिकारियों व छ: अराजपत्रित अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने व 2 अराजपत्रित अधिकारियों और 6 प्राईवेट व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि जुलाई माह के दौरान ब्यूरो द्वारा 2 स्पेशल चैकिंग/तकनीकी रिपोर्ट चैकसी विभाग को भेजी गई, जिनमें से एक कार्य संतोषजनक पाया गया तथा एक कार्य की रिपोर्ट में 2 राजपत्रित अधिकारियों व 5 अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने एवं सम्बन्धित ठेकेदारों से 8,79,535 रुपये वसूल करने की सिफारिश की गई।
प्रवक्ता ने बताया कि इस अवधि के दौरान तीन अधिकारियों/कर्मचारियों को ब्यूरो द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया, जिनके विरुद्ध भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि डबवाली, जिला सिरसा के उप निरीक्षक अजय को दो लाख रुपये, थाना भट्टïूकलां, जिला फतेहाबाद के सहायक उप निरीक्षक जीत राम को चार हजार रुपये और जिला कल्याण विभाग, करनाल के स्वीपर-कम-चैकीदार रोहताश को चार हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था।