हरियाणा उर्दू अकादमी ने उर्दू पुस्तकों को पुरस्कार देने व पांडुलिपियों के प्रकाशन के लिए अनुदान देने की घोषणा की

Haryana Urdu Academy to announce awards for Urdu books and provide grants for publication of manuscripts

हरियाणा उर्दू अकादमी ने उर्दू पुस्तकों को पुरस्कार देने व पांडुलिपियों के प्रकाशन के लिए अनुदान देने की घोषणा की

चंडीगढ़, 6 जनवरी- हरियाणा उर्दू अकादमी ने उर्दू पुस्तकों को पुरस्कार देने व पांडुलिपियों के प्रकाशन के लिए अनुदान देने की घोषणा की है। ये पुरस्कार व अनुदान पिछले 5 वर्षों के लिए दिए जाएंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए अकादमी के निदेशक डॉ. चंद्र त्रिखा ने बताया कि सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव व अकादमी की कार्यकारी उपाध्यक्ष श्रीमती धीरा खंडेलवाल द्वारा औपचारिक तौर पर मंजूरी देने के बाद उर्दू अकादमी ने 14 पुस्तकों को पुरस्कार देने तथा 4 पांडुलिपियों को अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

डॉ. त्रिखा ने जानकारी दी कि हरियाणा के जिन उर्दू लेखकों की पद्य पुस्तकों का चयन हुआ है उनमें स्वर्गीय श्री महेन्द्र प्रताप ‘चाँद’ द्वारा लिखित पुस्तक ‘जाते हुए लम्हो’, डॉ. कुमार पानीपती की पुस्तक ‘आंसुओं के मोती’, स्वर्गीय डॉ. गोपाल कृष्ण शफक की पुस्तक ‘शेर-ए-शफक’, श्री कृष्ण कुमार तूर की कृति ‘तलिसम-ए-तूर’, श्री शम्स तबरेजी की ‘कलाम-ए-शम्स तबरेजी’, डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा नाजि़म की ‘नकूश-ए-जीमल’, डॉ. कुमार पानीपती की ‘अहद-ए-नौ-की-सिसकियों का साज है मेरी गजल’ और गद्य पुस्तकों में श्री बी.डी.कालिया ‘हमदम’ की ‘आबशार-ए-अदब’, डॉ. इन्दु गुप्ता की ‘सुन्हरा कफस’, डॉ. देसराज सपरा की ‘खज़ाना-ए-अदब’, डॉ. हकीम कमरूद्दीन जाकिर की ‘मुसलह कौम मौलाना हाली’, श्री एम.एम. जुनेजा की ‘भगत सिंह की दिन-ब-दिन बड़ती हुए मुकबूलीयत’, श्री बी.डी. कालिया ‘हमदम’ की ‘बड़ी तहजीब है उर्दू जबान में’ तथा डॉ. सुल्तान अंजुम की पुस्तक ‘जाविया-ए-फिकर-ओ-नजर’ हैं।

इनके अलावा जिन लेखकों की पांडुलिपियां प्रकाशन के लिए सहायतानुदान हेतु मंजूर की गई हैं, उनमें श्री एस.एल. धवन की पुस्तक मसौवदा ‘जवाहरात-ए-सुखन’(पद्य), स्वर्गीय श्री अखगर पानीपती की ‘जख्मों-के-गुलाब’(पद्य), श्री विजेन्द्र गाफिल की ‘सहरा-सहरा-चाँद’(पद्य) तथा डॉ. सुल्तान अंजुम की ‘ख्वाब जिन्दा हैं’(गद्य) शामिल हैं।

अकादमी निदेशक डॉ. चंद्र त्रिखा ने आगे बताया कि पुरस्कार के लिए चयन की गई प्रत्येक पुस्तक के लेखक को हरियाणा उर्दू अकादमी की तरफ से सम्मान-राशि 21,000 रूपए दी जाएगी जबकि प्रकाशन के लिए चयनित प्रत्येक पांडुलिपि के रचयिता को प्रकाशन के कुल खर्च का 75 प्रतिशत या अधिकतम 15,000 रूपए दिए जाएंगे।
Spread the love