स्वास्थ्य विभाग, मिडवाईफरी में नर्स प्रैक्टिशनर के नये काडर के द्वारा कुदरती प्रसूतियों को उत्साहित करेगा : चेतन सिंह जौड़ामाजरा
चंडीगढ़, 1 अक्तूबरः
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज कहा कि सिजेरियन सैक्शन के द्वारा प्रसूतियों की बजाय नॉर्मल प्रसूतियों को उत्साहित करने के लिए पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने पटियाला में एक नये मिडवाईफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए तैयारी कर ली है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह इंस्टीट्यूट भारत सरकार के ‘‘भारत में मिडवाईफरी सेवाओं संबंधी दिशा-निर्देशों’’ के अनुसार स्थापित किया जा रहा है जिससे एक नया काडर (एनपीएम) लाकर पेशेवर दवाईयों के एक डैडीकेटड काडर में निवेश को प्राथमिकता दी जा सके। उन्होंने कहा कि यह इंस्टीट्यूट, देश भर की 16 ट्रेनिंग संस्थाओं में से एक है जहाँ मिडवाईफरी ऐजूकेटरों को ट्रेनिंग दी जायेगी जो आगे एनपीएम के काडर का विकास करेंगे। पंजाब, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद तीसरा है, जो सरकारी सैक्टर में राष्ट्रीय मिडवाईफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू कर रहा है।
मंत्री ने कहा कि मिडवाईफरी के नेतृत्व वाली देखभाल एक अहम बदलाव है जो एम. सी. एच. सेवाओं के मामले में हमारे राज्य को पेश बहुत सी मुद्दों को हल कर सकती है। कोविड-19 महामारी के कारण हाल ही के समय में पंजाब एम. एम. आर. में भी विस्तार हुआ है जब सभी स्रोत कोविड की तरफ लगा दिए गए थे। मार्च 2022 में जारी किये गए नवीनतम एसआरएस आंकड़ों से अनुसार पंजाब, आज कल 114 स्थान पर है। मिडवाईफरी अभ्यासों को प्राथमिक पड़ाव पर लाना न सिर्फ़ एम. एम. आर. को घटाने में मदद करेगा, बल्कि बच्चे के जन्म से सम्बन्धित देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करेगा और उच्च स्तरीय सहूलतों को कम बढ़ाएगा।
इस नयी पहलकदमी के बारे और जानकारी देते हुये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि पटियाला में माता कौशल्या स्कूल आफ नरसिंग में एक नेशनल मिडवाईफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ( एन. एम. टी. आई.) शुरू किया गया है। इंस्टीट्यूट को इसके अत्याधुनिक ट्रेनिंग बुनियादी ढांचे, इसके पेरैंट अस्पताल में एक कार्यशील प्रसूती विभाग तक पहुँच, उच्च भार वाली क्लिनीकल अभ्यास साइट, और एक नया कोर्स शुरू करने की इच्छा के कारण एक नवीनतम संस्था के तौर पर चुना गया है।
यह उम्मीद है कि पटियाला में नेशनल मिडवाईफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कई राज्यों के लिए मिडवाईफरी ट्रेनिंग के लिए माडल टीचिंग इंस्टीट्यूट और पैडागोजिक रिसोर्स सैंटर के तौर पर काम करेगा। यहाँ ट्रेनिंग देने के लिए न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और कीनिया के अंतरराष्ट्रीय ऐजूकेटरों को भी राज्य सरकार की तरफ से संयुक्त राष्ट्र आबादी फंड के सहयोग से लाया गया है, जो कि 18 महीने के कोर्स के लिए 30 शिक्षार्थियों के पहले बैच को पड़ाएगा। यहाँ यह वर्णनयोग्य है कि पहला बैच 21 सितम्बर, 2022 से शुरू किया जा चुका है।
डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डा. रविन्दरपाल कौर ने बताया कि इस प्रयास से सरकारी स्वास्थ्य सहूलतों में प्रसूति कराना, गर्भवती महिला के लिए हमदर्दी भरा और सम्मानजनक जन्म अनुभव होगा। इस प्रोग्राम के अंतर्गत एक स्वास्थ्य सुविधा के लेबर रूम के नज़दीक एक मिडवाईफरी नेतृत्व वाली देखभाल यूनिट ( ऐमसीऐलयू) स्थापित की जायेगी और राज्य में ऐसा पहला यूनिट माता कौशल्या अस्पताल पटियाला में स्थापित किया जायेगा। ऐनपीऐम हुनरमंद, प्रसूति, प्रजनन और नवजात बच्चे-माताओं और नवजात बच्चों की तंदरुस्ती के लिए टिकाऊ विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सम्मानजनक ढंग से सम्बन्धित स्वास्थ्य संभाल सेवाएं उपलब्ध करवाएगा।