कहा – सरकार एमएसपी को कानूनी मान्यता दे तथा काले कृषि काूनन रद्द करे
चंडीगढ़,9 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को किसानों के साथ भददा मजाक करार दिया। संधवां ने आरोप लगाया कि ‘2022 तक किसानों की कृषि आय को दोगुना करने का दावा करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने गेहूं के दाम में महज 40 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर पंजाब और हरियाणा समेत देश के किसानों से केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का बदला लिया है।’
गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा रबी फसलों को लेकर की गई एमएसपी की घोषणा महज घोषणा ही है,क्योंकि किसी भी फसल को निश्चित मूल्य पर खरीदने के लिए कोई गारंटी ही नहीं है, जिसकी मांग देश के किसान लंबे समय से कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि चना, सरसों, मक्का, सूरजमुखी और जौ के घोषित मूल्य पर किसानों से फसल कौन और कहां से खरीदेगा, ताकि किसानों को कुछ लाभ मिल सके। विधायक संधवां ने कहा कि ”केंद्र सरकार ने गेहूं के दाम में महज 40 पैसे प्रति किलो की बढ़ोतरी की है, जबकि डीजल के दाम में पिछले नौ महीने में 12.15 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।”
इसके अलावा खाद और कीटनाशकों की कीमतों में भी तेजी से वृद्धि हुई है, ” उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और खेती की लागत के कारण रबी फसलों का घोषित मूल्य बहुत कम है। नरेंद्र मोदी सरकार को इस मामूली वृद्धि पर पुनर्विचार करना चाहिए।
संधवां ने मांग की कि नरेंद्र मोदी सरकार हर साल बढ़ती महंगाई दर के अनुरूप फसलों के दाम तय करे ताकि किसानों की आय दोगुनी की जा सके। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार सही मायनों में किसानों का भला करना चाहती है तो उसे देश के किसानों की बात माननी चाहिए और काले कृषि कानून तुरंत निरस्त करना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे और इससे कम कीमत पर फसल खरीदने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें।