गर्वनर द्वारा समानांतर मीटिंग आयोजित करना संघवाद की भावना के खिलाफ:शिरोमणि अकाली दल

Daljit Singh Cheema
Dr Daljit Singh Cheema

कहा कि ऐसी मीटिंगों से केंद्र-राज्य संबंध प्रभावित होगा: डाॅ. दलजीत सिंह चीमा

मुख्यमंत्री को राज्यों के मामलों में केंद्र के हस्तक्षेप से बचने के लिए राज्य को व्यवस्थित करना चाहिए

चंडीगढ़/14अगस्त 2024

शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की प्रशासनिक सचिवों के साथ मीटिंग संविधान में निहित संघवाद की भावना के खिलाफ है तथा यह केंद्र सरकार द्वारा राज्य के आंतरिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है।पार्टी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को सलाह दी है कि उनको राज्य के मामलों में केंद्र के हस्तक्षेप से बचने के लिए अपने घर को व्यवस्थित करना चाहिए।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि राज्यपालों द्वारा राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सीधी मीटिंग करने के नए चलन से केंद्र की कमान दोगुनी बढ़ जाएगी और यह राज्य के हितों के लिए बेहद हानिकारक होगा। उन्होने कहा,‘‘ ऐसी मीटिंगों से केंद्र-राज्य संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा।’’

डाॅ. चीमा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अकाली दल हमेशा से राज्यों को अधिक अधिकार देने के समर्थन में खड़ा रहा है। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि हाल के सालों में राज्य सरकारों को केंद्र द्वारा अधीन किया जा रहा है, ओर उन्हे अपनी राज्य-विशिष्ट योजनाओं को बनाने और उन्हे लागू करने की अनुमति नही दी जा रही है। उन्होने कहा,‘‘ इसके परिणामस्वरूप हाल के सालों में राज्यों और केंद्र के बीच टकराव पैदा हुआ है और पंजाबियों के लिए भी दुख बी बात है कि पंजाब को ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) की बकाया राशि से वंचित किया गया और राज्य के बाॅर्डर क्षेत्रों पर केंद्रीय नियंत्रण का अनुचित विस्तार किया जा रहा है।’’

डाॅ.चीमा ने कहा कि राज्य में दो समानांतर सरकारें नही चल सकती, एक पंजाब के लोगों द्वारा चुनी गई और दूसरी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त की गई। उन्होने कहा कि राज्यों को अपने मामले खुद चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि पंजाब जैसे बाॅर्डर राज्य में यह बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा,‘‘ राज्य चलाने की पूरी जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार के पास होनी चाहिए।’’

अकाली नेता ने भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार से भी अनुरोध किया है कि उसे अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करे और केंद्र को अपनी अयोग्यता के कारण राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करने का अवसर नही देना चाहिए। डाॅ. चीमा ने कहा कि  राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने और एक्सप्रेस हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण करने में आप सरकार की नाकामी जैसे मुददों को  यदि राज्य सरकार द्वारा समाधान नही किया जाता है तो केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी को राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के और अवसर मिलेंगें। उन्होने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री को अपनी विफलताओं को समझते हुए तत्काल सुधारना चाहिए ताकि केंद्र का राज्य के मामलों में बढ़ता हस्तक्षेप समाप्त किया जा सके।