राजस्थान के 75 कलाकार सम्मानित
1 फ़ेलोशिप, 12 अवार्ड, 6 युवा, 5 बाल पुरस्कार के साथ 51 कलाकारों को कला पुरोधा सम्मान,
कला एवं संस्कृति मंत्री ने प्रदान किए अवार्ड, सम्मान पुरस्कार
राजस्थान की लोक संस्कृति एवं पम्पराओं के संरक्षण में सरकार हरसंभव प्रयासरत – डॉ. बी.डी. कल्ला
जोधपुर, 25 मार्च/राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज में शनिवार को आयोजित अवार्ड एवं पुस्कार वितरण समारोह में प्रदेश के प्रतिष्ठित और उत्कृष्ट 75 कलाकारों को अवार्ड एवं पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें 1 फ़ेलोशिप, 12 अवार्ड, 6 युवा, 5 बाल पुरस्कार के साथ 51 कलाकारों को कला पुरोधा सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह में कला एव संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला तथा कलाविद् एवं मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री रमेश बोराणा विशिष्ट अतिथि थे जबकि अध्यक्षता राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष श्रीमती बिनाका जेश मालू ने की।
इस अवसर पर कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़, पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह सोलंकी, रीको के स्वतंत्र निदेशक श्री सुनील परिहार, महापौर श्रीमती कुन्ती परिहार, विधायक श्रीमती मनीषा पंवार, श्री महेंद्र सिंह विश्नोई, कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़, प्रो. अयूब खान, श्री सलीम खान, श्री नरेश जोशी, उप महापौर श्री अब्दुल करीम जॉनी, नेता प्रतिपक्ष श्री गणपत सिंह चौहान आदि उपस्थित रहे।
अकादमियों के अध्यक्ष भी रहे उपस्थित
समारोह में राजस्थान संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष डॉ. सरोज कोचर, राजस्थान भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष श्री शिवराज छंगाणी, पं. जवाहरलाल नेहरु बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री इकराम राजस्थानी, राजस्थान उर्दू अकादमी के अध्यक्ष श्री हुसैन रज़ा, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष श्रीमती बिनाका जैश मालू, राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण एवं राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण व्यास सहित जनप्रतिनिधिगण, कलाकार, साहित्यकार, अधिकारीगण, गणमान्यजन एवं संस्कृतकर्मी भी मौजूद रहे।
साहित्य, संगीत और कला की धरा है राजस्थान
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला एवं अन्य अतिथियों ने कलाकारों को अवार्ड एवं पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने सभी कलाकारों का विभाग की ओर से स्वागत-अभिनंदन किया और कहा कि साहित्य, संगीत और कला की धरा राजस्थान इन विधाओं में अग्रणी रही है।
योजनाओं का लाभ पाने कलाकार आगे आएं
उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा आम जन के लिए संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कलाकारों का आह्वान किया कि वे पूरी जागरुकता से आगे आकर इन योजनाओं का लाभ पाएं और अपने क्षेत्रों में जरूरतमन्दों को इनके लाभान्वित करने में सहभागिता निभाएं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल और प्रयासों से गांव-ढांणियों तक बैठे कलाकारों को प्रोत्साहित कर सम्बल प्रदान करने तथा प्रदेश में साहित्यिक और सांस्कृतिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 100 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है।
इससे प्रदेश में साहित्य, संगीत और कला से जुड़े विभिन्न आयोजनों की निरन्तरता के साथ ही कलाकारों को प्रोत्साहन एवं सम्बल प्राप्त होगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ब्लॉक एवं जिलास्तर तक इस प्रकार के सांस्कृतिक महोत्सवों का आयोजन निर्धारित है। इनमें स्थानीय कलाकारों को तवज्जो दी जाएगी।
लुप्त हो रही कलाओं का संरक्षण करें
उन्होंने राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की गतिविधियों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए अध्यक्ष श्रीमती बिनाका जेश मालू की सराहना की और लुप्त हो रही पुरातन लोक सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का सुझाव दिया।
डॉ. बी.डी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सभी कलाकारों के प्रति बधाई देते हुए शुभकामनाएं भेजी हैं और कहा है कि प्रदेश में लोक कलाकारों के उत्थान और लोक कलाओं के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयासों में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
राज्य मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रमेश बोराणा ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा कला-संस्कृति एवं कलाकारों के कल्याण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को अपूर्व एवं ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री की तारीफ की और और कहा कि संवेदनशील मुख्यमंत्री ने इस दिशा में योजनाओं का सूत्रपात कर प्रोत्साहन एवं सम्बल प्रदान किया है।
श्री बोराणा ने पुरोधा कलाकारों का अभिनंदन करते हुए कहा कि लोक कलाकारों के त्याग, तपस्या और साधना की बदौलत राजस्थान आज देश-दुनिया में अलग ही पहचान रखता है।
आरंभ में स्वागत उद्बोधन में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष श्रीमती बिनाका जेश मालू ने सभी अतिथियों, कलाकारों एवं गणमान्यजनों का स्वागत करते हुए प्रदेश में कला-संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन तथा कलाकारों एवं संस्कृतिकर्मियों के प्रोत्साहन एवं सम्बलन के लिए अकादमी तथा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।
समारोह का संचालन श्री महेंद्र लालस ने किया जबकि आभार प्रदर्शन अकादमी के सचिव डॉ सूरजमल राव ने किया।