चंडीगढ़, 1 सितंबर :- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उद्योग एवं वाणिज्य विभाग से जुड़ी योजनाओं एवं नीतियों को प्राथमिकता के आधार पर लागू करें ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश हो सके और राज्य के युवाओं के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त हो।
डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, आज यहां अपने कार्यालय में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग तथा एमएसएमई की विभिन्न नीतियों व योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री अनूप धानक भी उपस्थित थे।
श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा को एक प्रतिस्पर्धी और पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना चाहती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्रीय विकास करना, निर्यात विविधीकरण को बढ़ावा देना और बाहरी निवेश को आकर्षित करके युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना है।
उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में विभागीय अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि ‘हरियाणा एंटरप्राइजिज एंड एंप्लाइमैंट पॉलिसी 2020’ के अंतर्गत 44 योजनाओं में से 37 को ड्रॉफ्ट और नोटिफाइ कर दिया है। विभिन्न इन्सेंटिव के लिए 2156 आवेदन आए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में 8 मेगा प्रोजेक्ट के लिए स्पेशल इन्सेंटिव को स्वीकृति दी गई है। इन प्रोजेक्टस में करीब 24328 करोड़ रूपए का निवेश प्रस्तावित है।
उन्होंने ‘हरियाणा एग्री बिजनेस एंड फुड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2018’ के अलावा ‘पदमा’, ‘हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाइल पॉलिसी 2022-25’, ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’, ‘कन्वरजेंश विद गवर्नमैंट ऑफ इंडिया प्रोग्राम्स’ के अलावा एमएसएमई के तहत किए गए कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।
श्री दुष्यंत चौटाला ने उक्त समीक्षा बैठक में वरिष्ठï अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं का समय-समय पर आंकलन करते रहें और सफल-उद्यमियों की कहानियों को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करें ताकि अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा ले सकें।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, महानिदेशक श्री शेखर विद्यार्थी के अलावा अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।