केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में 19 लेटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के 35 पत्रकारों को संबोधित किया
भारत की विकास कहानी पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि 2014 में हमें एक कमजोर अर्थव्यवस्था मिली थी, अब यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बनने के रास्ते पर है
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार की महत्वाकांक्षा 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाना है और इस दिशा में सभी प्रयास किए जा रहे हैं। आज (19 फरवरी, 2024) नई दिल्ली में 19 लेटिन अमरीकी और कैरेबियाई देशों के 35 पत्रकारों के एक मीडिया प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षा देश की मौजूदा 3.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को 2047 तक 30-35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है और साथ ही राष्ट्र की खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
श्री गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दो राहों पर निरंतर प्रयास की सराहना की – पहला, देश को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए भारत के वृहत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करने के लिए और दूसरा, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा से संबंधित गरीबों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए। मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले दशक में सुशासन के साथ-साथ गरीबों के कल्याण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की समग्र दृष्टि ने भारत को विश्व की 11वीं सबसे बड़ी से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद की है और यह 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बनने के रास्ते पर है।
श्री गोयल ने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश के व्यापक अर्थशास्त्र में बदलाव पूरा कर लिया है, अब हमारे पास दुनिया में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, जो 2014 की तुलना में दोगुना है और हमारी मुद्रा विकासशील देशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक है। श्री गोयल ने कहा कि भारत ने आजादी के पिछले 75 वर्षों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक देखा है, पिछले 12 वर्षों में मुद्रास्फीति आधी हो गई है, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है और ब्याज दरें नियंत्रण में हैं।
मंत्री महोदय ने आगे कहा कि जब सरकार 2014 में स्पष्ट जनादेश के साथ सत्ता में आई, तब उन्हें विरासत में एक कमजोर अर्थव्यवस्था मिली थी। उन्होंने कहा, ”हमें एक कमजोर अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी, जो काफी मुश्किल स्थिति में थी और दुनिया भर में भारत की विकास गाथा और भूराजनीति में किसी भूमिका को निभाने की उसकी क्षमता के बारे में एक खराब धारणा बनी हुई थी।