संकट की घड़ी में मदद के लिए हाथ बढ़ाना राजस्थान की महान परम्परा: मुख्यमंत्री

जयपुर, 18 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब-जब भी देश के किसी राज्य में कोई प्राकृतिक आपदा या संकट की घड़ी आई तब-तब प्रदेशवासियों ने मुख्यमंत्री सहायता कोष या अन्य माध्यमों के जरिये खुले दिल से सहयोग किया है। विपदा में पीड़ित की मदद करना राजस्थान की महान परम्परा रही है, जिस पर हम सभी को गर्व है।
श्री गहलोत मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें विभिन्न अवसरों पर मिले स्मृति चिन्हों एवं उपहारों के ऑनलाइन ऑक्शन के लिए तैयार की गई वेबसाइट तंरबउउमउमदजवेण्बवउ के सोमवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित लॉन्चिंग कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की घड़ी में पीड़ित का हाथ थामने की इस गौरवशाली परंपरा पर आगे बढ़ते हुए मैंने स्मृति चिन्हों को ऑनलाइन माध्यम से ऑक्शन करने की यह पहल की है। हमारा प्रयास है कि ऑक्शन से प्राप्त राशि का उपयोग जरूरतमंद एवं गरीब तबके के रोगियों के उपचार के लिए गैप फंडिंग के रूप में किया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष के भीतर निरोगी राजस्थान के नाम से अलग से फंड बनेे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रिवेंटिव मेडिसिन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।
श्री गहलोत ने आशा व्यक्त की कि इस नवाचार से ऑक्शन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेशवासियों को इलाज के खर्च से चिंतामुक्त करने के लिए चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इसमें 10 लाख रूपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत चिकित्सा संस्थानों में आईपीडी एवं ओपीडी सेवाएं भी निःशुल्क कर दी गई हैं।
भारत सेवा संस्थान के उपाध्यक्ष एवं राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत की पहल पर पूर्व में भी कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों एवं सुनामी से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए स्मृति चिन्ह ऑक्शन कार्यक्रम में लोगों ने खुले दिल से सहयोग किया था। गुजरात में भूकंप, कश्मीर तथा केरल में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। अब इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए ऑनलाइन माध्यम से इनका ऑक्शन करने की पहल की गई है। जो वेबसाइट लॉन्च हो रही है उसमें कोई भी व्यक्ति प्रदर्शित स्मृति चिन्हों को देख सकता है। वेबसाइट पर स्मृति चिन्ह की न्यूनतम दर भी प्रदर्शित की गई है। आगामी 25 अप्रेल को ऑनलाइन ऑक्शन किया जाएगा। इसके बाद 3 मई को स्मृति चिन्हों एवं उपहारों का ऑफलाइन ऑक्शन भी होगा।
भारत सेवा संस्थान के सचिव श्री जी.एस. बाफना ने आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऑनलाइन ऑक्शन के माध्यम से करीब 200 स्मृति चिन्ह एवं उपहार ऑक्शन के लिए उपलब्ध रहेंगे। कार्यक्रम में विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, मंत्रीपरिषद के सदस्य, बोर्ड, आयोगों एवं निगमों के अध्यक्ष, विधायक, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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