चंडीगढ़, 29 अगस्त:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को अकालियों द्वारा कोविड के बहाने महत्वपूर्ण मुद्दों से भागने के इल्ज़ाम को सिरे से नकारते हुए कहा कि यह शिरोमणि अकाली दल ही था जो कोविड का सहारा लेकर बीते कल के सैशन से भाग गया था, क्योंकि अकाली केंद्र सरकार के बनाए गए किसान विरोधी अध्यादेशों को रद्द करने के संकल्प का हिस्सा बनने के इच्छुक नहीं थे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एन.डी.ए. के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के हिस्से के तौर पर इन अध्यादेशों की हिमायत करके अब अकाली इसके विरोध में रखे गए संकल्प का हिस्सा बनने की हिम्मत नहीं कर सकते थे और इसके साथ ही वह (अकाली) किसान विरोधी भी नजऱ नहीं आना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कोविड की दीवार लेते हुए विधान सभा से पूरी तरह से बाहर रहने का फ़ैसला किया और एक आसान रास्ता ढूँढ लिया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि स्पीकर और उन्होंने अलग तौर पर उनके विधायकों को सैशन में न आने की अपील की थी, जो कि पॉजि़टिव पाए गए विधायकों के संपर्क में आए थे, परन्तु एक भी अकाली विधायक सैशन में हिस्सा लेने के लिए नहीं आया। यह साफ़ है कि अकाली इस मुद्दे से भाग रहे थे और किसी भी समय यह बिल्कुल नहीं कहा गया कि विरोधी पक्ष के विधायक सैशन में हिस्सा न लें और उक्त अपील / सलाह सभी सदस्यों के लिए थी। इसमें सत्ताधारी पार्टी भी शामिल थी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यदि अकालियों को कोविड के फैलने की इतनी ही चिंता थी और उन्होंने इस कारण विधान सभा से दूर रहने की सलाह मान ली थी तो फिर वह गलियों में मुजाहरे क्यों कर रहे थे, जब कि उन्होंने (मुख्यमंत्री) ने बार-बार सभी विरोधी पक्षों को ऐसी गतिविधियों से गुरेज़ करने की अपील की है, जिससे लोगों की जि़ंदगी खतरे में पड़ती हो।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अगले महीने जबकि कोविड के आंकड़े अपने शिखर पर जाने की संभावना, विधान सभा का एक और सैशन बुलाए जाने की अकालियों की माँग को रद्द करते हुए कहा कि अकाली, कोविड के कारण एक दिन के सैशन में तो हिस्सा ले नहीं सके और उस समय पूरा सैशन चाहते हैं जब स्थिति के और बिगड़ जाने का अंदेशा है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि बावजूद इसके कि उनके कई मंत्री और विधायक पॉजि़टिव पाए गए हैं, उनकी सरकार ने कानूनन ज़रूरत को पूरा करने के लिए एक दिन का सैशन बुलाए जाने का फ़ैसला किया था, जैसा कि बाकी राज्य भी कर रहे हैं। उन्होंने पड़ोसी राज्य हरियाणा की मिसाल दी जिसने अपने कई विधायकों के पॉजि़टिव आने के बाद महामारी के ख़तरे के चलते तीन दिनों के विधान सभा सैशन में कटौती करके इसको एक दिन तक सीमित कर दिया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार और भाजपा एन.डी.ए. के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का हिस्सा है, जिसमें अकाली भी हिस्सेदार हैं। उन्होंने अकालियों को सवाल किया कि क्या अपने विधान सभा सैशन में कटौती करके अब हरियाणा भी ग़ैर-लोकतांत्रिक हो गया है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि वैसे तो अकाली ग़ैर-ज़रूरी मुद्दों पर कोलाहल मचाते रहते हैं, परन्तु कोविड जैसे गंभीर मुद्दे पर संकुचित राजनीति करके अकाली बिल्कुल निचले स्तर पर आ गए हैं और किसी भी रचनात्मक विरोधी पक्ष की तरह कोविड महामारी के खि़लाफ़ राज्य सरकार का साथ देकर इसके हाथ मज़बूत करने की बजाय अकाली सिफऱ् अपने संकुचित राजनैतिक हितों को आगे बढ़ाने के ही इच्छुक हैं। पंजाब के लोग नासमझ नहीं हैं और अकालियों की बेहुदा हरकतों को न भुलेंगे और न ही माफ करेंगे।