जालंधर हाड़ी सीज़न -2022 के लिए फसलों की ई -गिरदावरी करने वाले राज्य के अग्रणी जिलों में से एक: डिप्टी कमिशनर

GHANSHYAM THORI
ਜਲੰਧਰ ਹਾੜੀ ਸੀਜ਼ਨ-2022 ਲਈ ਫਸਲਾਂ ਦੀ ਈ-ਗਿਰਦਾਵਰੀ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸੂਬੇ ਦੇ ਮੋਹਰੀ ਜ਼ਿਲ੍ਹਿਆਂ ’ਚ ਸ਼ੁਮਾਰ : ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ
कहा केवल तीन दिनों में 8400 से अधिक इंदराज आनलाइन किए
मौजूदा सीज़न की ई -गिरदावरी 20 मार्च तक पूरी करने के निर्देश
कहा पिछले साल के हाड़ी सीज़न के साथ सम्बन्धित 8,24,580 खसरा नंबर सफलतापूर्वक दर्ज

जालंधर, 14 मार्च 2022

ज़िला जालंधर हाड़ी सीज़न -2022 के लिए 10 से 12 मार्च, 2022 तक केवल तीन दिनों में 8401 खसरा गिरदावारियया दर्ज कर ई -गिरदावारियों की रजिस्टरेशन में राज्य के अग्रणी जिलों में से एक के तौर पर उभरा है।

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इस सम्बन्धित जानकारी देते डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने बताया कि ज़िले में 10 मार्च को इस कार्य को पूरा करने के लिए एक विशाल कवायद शुरू की गई थी, जिसके अंतर्गत 8401 खसरा नंबर आनलाइन किये गए। उन्होंने बताया कि ज़िला जालंधर -1तहसील में 5062 खसरा इंदराज आनलाइन किये गए हैं। इसी तरह ओर इंदराजों के इलावा शाहकोट सब तहसील में 2044, जालंधर -2में 855, फ़िल्लौर में 262, लोहियाँ में 79, नकोदर में 52 और गोराया में 35 इंदराज दाख़िल किये गए हैं।

प्राजैकट के बारे में बताते हुए डिप्टी कमिशनर ने कहा कि डिजीटाईज़ेशन की दिशा में एक अन्य कदम उठाते हुए राज्य सरकार की तरफ से फ़सलों की ई -गिरदावरी करने के आदेश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि ई -गिरदावरी एक दस्तावेज़ है, जिसमें पटवारी की तरफ से मालिक का नाम, काश्तकार का नाम, ज़मीन /खसरा नंबर,क्षेत्र, ज़मीन की किस्म, खेती और ग़ैर खेती क्षेत्र, सिंचाई के साधन, फ़सल का नाम और इस की हालत, मालीया और मालीए की दर आदि को साल में कम से -कम दो बार दर्ज किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल पटवारियों की तरफ़ से अपने -अपने अधिकार क्षेत्रों का दौरा करते हुए सीधा खेतों से ई -गिरदावरी रिपोर्ट दाख़िल की जा रही है।

घनश्याम थोरी ने बताया कि हाड़ी के सीज़न 2021 के लिए जालंधर ज़िले में 8,24,580 ई -गिरदावारिया सफलतापूर्वक दर्ज की जा चुकीं हैं जबकि इस सीज़न के लिए पटवारियों की तरफ से सीधा फील्ड में से इंदराज किये जा रहे हैं।

डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने कहा कि ई -गिरदावरी को आनलाइन करने के लिए कई आधिकारियों को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है और सौ प्रतिशत रिकार्ड को निर्धारित समय में आनलाइन कर दिया जायेगा। उन्होंने आधिकारियों /कर्मचारियों को इस काम में तेज़ी लाने और 20 मार्च, 2022 तक ई -गिरदावारी की सौ प्रतिशत प्रविष्टि यकीनी बनाने के निर्देश दिए।

डी.ऐस.ऐम रिम्पल गुप्ता ने आगे बताया कि फ़सलों के डिजीटलीकरन का काम पूरे ज़ोरों पर चल रहा है क्योंकि सभी इंदराज 20 मार्च 2022 तक आनलाइन किये जाने हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य को निर्धारित समय में पूरा करने  में कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।

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