कांग्रेसी विधायकों व मंत्रियों के बच्चों तक ही सीमित हुआ घर-घर नौकरी मिशन: प्रिंसिपल बुद्धराम
अरसे से इंतजार करने वाले आश्रित आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दे सरकार: रूपिंदर कौर रूबी
बठिंडा, 18 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के करोड़पति दामाद को विशेष तरस के आधार पर एक्साइज इंस्पेक्टर की नौकरी देने को पंजाब के लाखों बेरोजगार युवाओं से धोखा करार दिया है।
पार्टी के हेडक्वार्टर से आप की एमएलए प्रो. बलजिंदर कौर, विधायिका रूपिंदर कौर रूबी और विधायक प्रिंसिपल बुद्धराम ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि कैबिनेट मंत्री के करोड़पति दामाद को नियम, कानून व शर्तों को दरकिनार कर विशेष तरस के आधार पर नौकरी देना बेशर्मी की हद है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के लाखों नौजवानों के साथ धोखा है।
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प्रो. बलजिंदर कौर ने कहा कि विशेष तरस के आधार पर जो मापदंड तय किए गए हैं, यदि उस आधार पर कोई नौकरी हासिल करता है तो उन्हें कोई एतराज नहीं है। लेकिन यदि समर्थ करोड़पति परिवार विशेष तरस के आधार पर नौकरी लेकर जरूरतमंद आम युवाओं का अधिकार छीनेंगे तो इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।
प्रिंसिपल बुद्धराम ने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस का घर-घर नौकरी का मिशन महज कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों के बच्चों तक ही सीमित होकर रह गया है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस घर-घर नौकरी देने के वादे के साथ सत्ता में काबिज हुई थी, लेकिन चार नौकरियां दी गई। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते, कांग्रेसी विधायक राकेश पाण्डेय के बेटे, फतेह जंग सिंह बाजवा के बेटे शामिल हैं। लेकिन बाजवा परिवार ने जन विरोध के चलते बाद में यह नौकरी लेने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब अब कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के करोड़पति जमाई गुरशेर सिंह की तरस के आधार पर नौकरी दी गई है।
विधायिका रूपिंदर कौर रूबी ने कहा कि सरकार अरसे से इंतजार करने वाले आश्रित आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दे। उन्होंने कहा कि अभी भी पंजाब के प्रत्येक सरकारी विभाग, बोर्ड, और कॉर्पोरेशन में हजारों की गिनती में वे सभी अर्जियां धूल फांक रही हैं, जिनमें योग्य आश्रितों की तरफ से तरस के आधार पर नौकरी मांगी गई हैं। इनमें अधिकांश आवेदन बीते करीब 15-20 वर्षों से फाइलों में बंद पड़ी हैं लेकिन उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है।
आप के विधायकों ने कहा कि एकतरफ सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक और वजीर अपने बेटे-बेटी और दामाद को मैरिट तोडकऱ नौकरी देने में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर पंजाब के लाखों योग्य जवान नौकरी के लिए रोष प्रदर्शन करने को मजूबर हैं। वे सभी जान जोखिम में डालकर टावर, टंकियों और नहर में छलांग लगाकर सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन बेरोजगार और नौजवान सरकार के एजेंडे पर ही नहीं हैं। साढ़े चार वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक न तो घर-घर नौकरी दी गई और न ही बेरोजगारों को 2500 रुपये मासिक भत्ता दिया गया। स्पष्ट है कि लोग चुनाव मौके इनका हिसाब मांगेंगे और उन्हें धोखा देने का सबक सिखाएंगे।