लखबीर के परिजनों को मिली मुआवजे की आधी राशि, हरियाणा सरकार ने आयोग को किया सूचित
चंडीगढ़, 29 अक्टूबर : सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की कू्रर हत्या के बाद उसके परिजनों को पीओ एक्ट के तहत मुआवजा और इंसाफ दिलाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग हर संभव प्रयास कर रहा है। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री स्वयं भी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं, बावजूद इससे उन्होंने इस कू्रर हत्या पर एक शब्द भी नहीं बोला है। पंजाब के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और दूसरे प्रदेशों में जाकर बड़े-बड़े अनुदानों की घोषणा करते हैं, उनके खुद के प्रदेश में अनुसूचित जाति के साथ ऐसी कू्ररता की घटना होती है, वहां पर एक शब्द भी नहीं बोलते, सहानुभूति की बात नहीं करते तो ये बहुत ही निंदनीय है।
विजय़ सांपला ने बताया कि जब लखबीर का परिवार उनसे मिलने आया था, तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि पीओ एक्ट के प्रावधानों के तहत पीडि़त परिवार को 8.25 लाख रुपये मुआवजा दिलाया जाएगा, जिसमें से सवा चार लाख एफआईआर दर्ज होने पर मिलता है। 50 फीसदी राशि परिवार को दी जा चुकी है।
और पढ़ें :- सडक़ सुरक्षा को स्कूलों और कॉलेजों के सिलेबस का हिस्सा बनाया जाएगा: परिवहन मंत्री राजा वडि़ंग
इस संबंध में हरियाणा सरकार की ओर से आयोग को सूचित भी किया गया है।
इसके अलावा हमने हरियाणा सरकार से इसमें एक और प्रावधान जोडऩे को कहा था जिसके तहत मृतक के परिवार में से किसी एक को नौकरी दी जाए। साथ ही आयोग ने मृतक लखबीर की तीनों बेटियों की सरकारी खर्च पर ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई लखबीर की मां को प्रति माह पेंशन दिलाने संबंधी भी बात की थी। इस पर हरियाणा सरकार ने आयोग को आश्वासन दिया कि पीओ एक्ट के तहत जो भी संभव होगा, उसे लागू कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लखबीर की जिन आरोपों के चलते हत्या हुई, वो अब तब साबित नहीं हुए। जब तक किसी का दोष साबित न हो, हम उसे दोषी नहीं कह सकते।