-लखीमपुर खीरी कांड के संबंध में योगी और मोदी सरकार के ढीले रवैए ने सुप्रीम कोर्ट को सख्त टिप्पणी करने पर किया मजबूर
-एक सदस्यीय जांच कमीशन महज धोखा, सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों की निगरानी में हो निष्पक्ष जांच: आप
चंडीगढ़, 9 अक्तूबर 2021
लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पिता अजय मिश्रा को मोदी मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त किए जाने की जोरदार मांग करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने तर्क दिया कि जब तक अजय मिश्रा को मंत्री के पद से हटाया नहीं जाता, तब तक इंसाफ की उम्मीद नहीं की जा सकती। क्योंकि समूचे देश का पूर्ण पुलिस-प्रशासन सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन होता है।
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शनिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में आप के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि घटना से 6 दिन बाद एक ओर आरोपी आशीष मिश्रा से वीआईपी ट्रीटमेंट में आत्मसमर्पण करवाने का ड्रामा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आशीष मिश्रा का पिता अजय मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर ऐसे डटकर बैठा है, जैसे कुछ घटित ही न हुआ हो।
चीमा ने कहा कि यदि मिश्रा परिवार में रत्ती भर भी नैतिकता होती तो आरोपी बेटा तुरंत आत्मसमर्पण करता और मंत्री पिता द्वारा इस्तीफा दे दिया गया होता। लेकिन ऐसा लगता है कि पूरी भाजपा की नैतिकता घास चरने चली गई है। मन की बात में नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में ऐसे चुप हैं, जैसे इस घटना को उनके अपने मंत्री के गुंडे बेटे ने यूपी में नहीं बल्कि अफगानिस्तान में किसी तालिबानी ने अंजाम दिया हो।
हरपाल सिंह चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि आखिर क्या मजबूरी है कि देश के 56 इंच के सीने में अन्नदाता के लिए दिल नहीं धडक़ रहा और मुंह से हमदर्दी के दो बोल नहीं निकले। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं को किसान-मजदूरों समेत सबका प्रधानमंत्री समझते तो काले कानून के खिलाफ महीनों से सडक़ों पर बैठा देश का अन्नदाता ऐसे ठोकरें नहीं खाता। यदि प्रधानमंत्री किसानों के लिए नफरत नहीं पालते तो किसी गुंडे-मवाली की हिम्मत नहीं थी कि वह अपनी वीआईपी गाड़ी से किसानों को पीठ पीछे रौंदकर फरार हो जाता और फिर 6 दिन बाद मनमर्जी से आत्मसमर्पण करता।
आप’ नेता ने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री मोदी अपने रूतबे के साथ इंसाफ करते हुए अजय मिश्रा से तुरंत इस्तीफा लेते और न इस्तीफा न देने की सूरत में उसे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से हटाकर देश-दुनिया को स्पष्ट संकेत देते कि कानून को कोई भी हाथ में लेने की हिम्मत न करे। उन्होंने कहा कि भाजपा की यूपी में योगी और केंद्र में मोदी सरकार द्वारा लखीमपुर खीरी घटना के प्रति अपनाए ढीले रवैए ने सुप्रीम कोर्ट को भी तल्ख टिप्पणी करने के लिए मजबूर कर दिया।
हरपाल सिंह चीमा ने योगी सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक सदस्यीय पूर्व जज द्वारा जांच कमीशन गठित करने को आंखों में धूल झोंकना करार देते हुए कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस घटना की जांच अपनी निगरानी में नहीं करवाता, तब तक जांच सही दिशा में नहीं बढ़ेगी। इसलिए जांच समयबद्ध और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो।