मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह से नहीं सभला गृृह विभाग, तुरंत इस्तीिफा दें: आप
सवा 4 वर्ष में 7138 लोग अगवा, जान बचाने के लिए पुलिस थानों में न जाने वालों की नहीं कोई गिनती
बादल सरकार की तरह कांग्रेस सरकार में भी माफिया राज जस का तस
चंडीगढ़, 5 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था बेकाबू हो चुकी है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लोगों में डर का माहौल है। कारोबारी और सेलेब्रिटी ही नहीं, आमजन भी सुरक्षित नहीं है। जिसकी गवाही स्वयं सरकारी आंकड़े दे रहे हैं। जिसके अनुसार कांग्रेस सरकार के गत 4 वर्ष 3 महीने में 7138 लोगों को अगवा किया गया और उन्हें सुरक्षित छोडऩे के एवज में फिरौती मांगी गई। ये सभी मामले वे हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं लेकिन अपह्ताओं से जान बचाने के लिए जिन पीडि़तों ने पुलिस थानों तक पहुंच ही नहीं की, उनकी कोई गिनती नहीं है।
रविवार को पार्टी हेडक्वार्टर से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एक जमाने में बिहार और उत्तर प्रदेश में होती अपहरण जैसी वारदातें आज पंजाब में चरम सीमा पर हैं। इसके लिए कोई ओर नहीं, बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह जिम्मेदार हैं। जिनके पास पंजाब का गृह विभाग है। बद् से बद्तर हुई कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी और जवाबदेही कैप्टन अमरेंदर सिंह की है। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से गृह विभाग छोड़कर इसे किसी अन्य सक्षम मंत्री को सौंपना चाहिए।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अपहरण कर फिरौती मांगने की सबसे अधिक वारदातों में ओद्यौगिक क्षेत्र लुधियाना है। कैप्टन के कार्यकाल में यहां कुल 1032 वारदातों को अंजाम दिया गया है। 765 वारदातों के साथ अमृतसर दूसरे और 619 वारदातों से जालंधर तीसरे स्थान पर है। यहां तक कि मुख्यमंत्री का अपना खानदानी जिला पटियाला 470 अपहरण की वारदातों के साथ पांचवें नंबर पर है। मोहाली जिले में मुख्यमंत्री का अपना शाही फार्म हाउस है और यहां भी 570 वारदातें हो चुकी हैं। इनमें वर्ष 2021 में ही सबसे अधिक 122 वारदातें हुई हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री और पंजाब के डीजीपी को अपनी कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाता।
चीमा ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेता, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का अपराधियों से गठजोड़ के कारण पंजाब अपराध का गढ़ बन चुका है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन के काम में बेहिसाब सियासी दखलअंदाजी से आम लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उनके अनुसार, ‘जब पुलिस थाने ही ठेके पर चलने लगें तो ऐसे में सुरक्षा और न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती हैÓ।
चीमा ने कहा कि प्रदेश के लोगों की जानमाल की सुरक्षा में कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है। क्योंकि मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के नेता कुर्सी के लिए पार्टी की अंतर्कलह में ऐसे उलझे हैं कि उन्हें आम लोगों से कोई सरोकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की ऐसी दुर्दशा है कि प्रदेश के डीजीपी के पद के लिए भी पुलिस अधिकारी उसी तर्ज पर झगड़ चुके हैं जैसे मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रसियों में जंग जारी है। उनके अनुसार जिस प्रदेश में जिम्मेदारी संभालने वाले पुलिस अधिकारी ही अपने सियासी आकाओं की कठपुतली बनकर चलेंगे, ऐसे में उनसे निष्पक्ष कार्रवाई और बेहतर कानून व्यवस्था की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बढ़े अपराध का असर सीधे पंजाब के आर्थिक विकास पर भी पड़ रहा है। क्योंकि निवेशकों को सुरक्षित और सुखद माहौल नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन पंजाब ओद्यौगिक क्षेत्र में लगातार पिछड़ता जा रहा है।