देश में समुद्री अनुसंधान

Sarbananda Sonowal(2)
Marine Research in the country

Delhi: 09 FEB 2024

सरकार ने नवीन और अनुप्रयुक्त अनुसंधान-आधारित इंजीनियरिंग प्रदान करने के लिए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास, चेन्नई के सहयोग से बंदरगाह, जलमार्ग और तट के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) की स्थापना की है, ताकि देश में बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों से संबंधित विभिन्न मुद्दों का समाधान हो सके। संस्थान सेडिमेंट मैनेजमेंट और टेस्ट बेसिन, ब्रिज मिशन सिम्युलेटर, फील्ड अनुसंधान प्रयोगशाला और समुद्री सूचना और संचार प्रयोगशाला सहित अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं से सुसज्जित है। संस्थान ने बंदरगाहों और जलमार्गों के लिए 120 से अधिक अनुसंधान और तकनीकी सहायता परियोजनाएं शुरू की हैं तथा 10 से अधिक नवीन उत्पाद विकसित किए हैं, जो व्यावसायीकरण के लिए तैयार हैं। कुछ उल्लेखनीय स्वदेशी समाधानों में ऑनलाइन ड्रेजिंग मॉनिटरिंग सिस्टम, हाइड्रोमेटोरोलॉजी मॉनिटरिंग के लिए अगली पीढ़ी की तकनीक, रियल टाइम – अंडरवाटर कील क्लीयरेंस, स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली, स्वायत्त हाइड्रोग्राफिक और महासागरीय सर्वेक्षण के लिए मानव रहित सतह पोत, जलमार्गों के लिए अगली पीढ़ी का नेविगेशन और डिजिटल ट्विन्स शामिल हैं।

एनटीसीपीडब्ल्यूसी की स्थापना 77 करोड़ रुपये की लागत से की गई है, जिसमें सरकार और उसके अधीनस्थ संगठनों की वित्तीय सहायता शामिल है।

यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।