समुद्री सुरक्षा

दिल्ली, 02 FEB 2024 

समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना इकाइयों को नियमित रूप से हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में हमारे हित क्षेत्रों में मिशन-आधारित तैनाती पर लगाया जाता है। इसके अलावा, भारतीय नौसेना इकाइयां समुद्री डोमेन जागरूकता बढ़ाने और अचानक उत्पन्न होने वाली आकस्मिकताओं को संबोधित करने के लिए निगरानी करती हैं। 2008 से, भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी और अफ्रीका के पूर्वी तट पर एंटी पायरेसी  पैट्रोल के लिए इकाइयाँ तैनात की हैं। कुल 3,440 जहाजों और 25,000 से अधिक नाविकों को सुरक्षित बचा लिया गया है।

भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय और अतिरिक्त-क्षेत्रीय नौसेनाओं/समुद्री बलों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और समावेशी और सहयोगात्मक तरीके से गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना द्वारा द्विपक्षीय/बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास, संयुक्त विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी, ​​मित्रवत विदेशी देशों के साथ समन्वित पैट्रोलिंग (कॉर्पैट) किए जा रहे हैं। इसके अलावा, क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में, भारत सरकार ने इंफॉर्मेंशन फ्यूजन सेंटर- इंडियन ओशन रीजन (आईएफसी-आईओआर) की स्थापना की है। इसका समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में रियल टाइम सूचना आदान-प्रदान के लिए 25 भागीदार देशों और 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय बहुराष्ट्रीय संगठनों के साथ संबंध है। इसके अलावा, क्षेत्र में चल रही समुद्री सुरक्षा स्थिति के कारण, भारतीय नौसेना इकाइयों को व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा/यदि आवश्यक हो तो सहायता प्रदान करने के लिए जिबूती/अदन की खाड़ी, उत्तर/मध्य अरब सागर/सोमालिया के पूर्वी तट पर तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा, हमलों/घटनाओं में शामिल स्रोत/कारण/खिलाड़ियों की पहचान करने के लिए मित्रवत विदेशी देशों के साथ सूचना का आदान-प्रदान/खुफिया साझाकरण भी किया जा रहा है।

यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने आज लोकसभा में श्री कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को एक लिखित उत्तर में दी।

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