मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा साहिबजादों का शहीदी दिवस ‘वीर बाल दिवस’ के तौर पर मनाने के ऐलान का जोरदार स्वागत

'Veer Bal Diwas'
ਮਨਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਸਿਰਸਾ ਵੱਲੋਂ ਸਾਹਿਬਜ਼ਾਦਿਆਂ ਦਾ ਸ਼ਹੀਦੀ ਦਿਹਾੜਾ 'ਵੀਰ ਬਾਲ ਦਿਵਸ' ਵਜੋਂ ਮਨਾਉਣ ਦੇ ਐਲਾਨ ਦਾ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਸਵਾਗਤ
प्रधान मंत्री का किया धन्नवाद
चंडीगढ़, 9 जनवरी 2022
मनजिन्दर सिंह सिरसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के छोटे साहिबजादों का शहीदी दिवस ‘वीर बाल दिवस’ के तौर पर मनाने के किए जोरदार स्वागत किया है और इस ऐलान के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया है।

और पढ़ें :-दिल्ली सरकार ने गुरु पर्व पर श्रद्धालुओं को गुरूद्वारा दर्शन के लिए कर्फ्यू में छूट दी

आज यहां जारी किए एक बयान में सरदार सिरसा ने कहा कि प्रधान मंत्री ने यह संकल्प लिया है कि देश में हर साल 26 दिसम्बर को गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के साहिबज़ादों के नाम पर वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से सिख भाईचारे के साथ-साथ मानवता प्रति साकारात्मक सोच रखने वाले लोगों की तरफ से काफ़ी देर से मांग की जा रही थी कि साहिबजादों के शहादत दिवस को ‘बाल दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।
उन्होंने कहा कि छोटे साहिबज़ादे और माता गुजरी जी की शहादत की दास्तान भारत के हर बच्चे को सुनाई जानी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनियां में ऐसी ओर मिसाल नहीं मिलती जहां 7 और 9 साल के बच्चों ने जबर और जुल्म की परवाह नहीं की अपना धर्म को नहीं छोड़ा और शहादत का जाम पिया। उन्होंने कहा कि हर साल फतेहगढ़ साहिब की पवित्र धरती पर लगते शहीदी जोड़ मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालू एकत्रित हो कर उस दीवार के दर्शन करते हैं जिसकी नींवों में चिनवा कर साहिबजादों को शहीद किया गया।
सरदार सिरसा ने कहा कि जब हमारे बच्चे साहिबज़ादों के इतिहास को पढ़ेंगे कि किस तरीके से उन्होंने धर्म नहीं छोड़ा और शहादत का जाम पी गए तो देश की सोच कैसी होगी, हमारी आने वाली पीढी की सोच कैसी होगी, यह हम समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश आज़ाद होने के 75 सालों बाद किसी ने तो महसूस किया कि कौन थे वह साहिबजादे, क्यों उन को याद रखना जरूरी है, क्यों इनका इतिहास पढऩा जरूरी है, क्यों दुनियां को यह बताना जरूरी है कि हम साहिबजादों के वारिस हैं।
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री की सोच का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत देर से हम इस बात को लेकर संघर्ष कर रहे थे। आप वह चीज पूरी की है, जो हर सिख और हर इन्साफ पसंद मनुष्य जो साहिबजादों को प्यार करता है, उसकी यह मांग थी। उन्होंने कहा कि साहिबजादों की गाथा अब इस फैसले की वजह से हमारे बच्चों तक पहुंचेगी और उनकी सोच देश प्रति बहुत ऊंची होगी।