लुधियाना, 17 अक्टूबर:
मुंजाल बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप ने भारत के श्रद्धेय पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मनाने के लिए लुधियाना में अपने परिसर में इनोवेशन पर आज एक मास्टर क्लास का आयोजन किया। डॉ. कलाम एक दूरदर्शी और इनोवेशन और उद्यमिता के समर्थक थे जो प्रगति, रचनात्मकता और दूरदर्शी नेतृत्व की भावना का प्रतीक थे। मास्टर क्लास में उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षा जगत से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर हीरो साइकिल्स लिमिटेड के वाइस चेयरमैन श्री एस.के.राय ने मनुफैक्टर्निंग में इनोवेशन के बढ़ते महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “अगर हमारे मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइजेज को वैश्विक बाजार की मांग को पूरा करने के लिए आगे बढ़ना और प्रगति करनी है, तो इनोवेशन की अति आवश्यकता है।”
हीरो एंटरप्राइज और एमबीसीआईई के चेयरमैन श्री सुनील कांत मुंजाल ने कहा कि आज की तेज गति और लगातार बदलती दुनिया में इनोवेशन प्रगति और सफलता की जीवन रेखा है। यह प्रेरक शक्ति है जो संगठनों को नई ऊंचाइयों तक ले जाती है, जिससे उन्हें न केवल जीवित रहने बल्कि पनपने का मौका मिलता है। हमारे चारों ओर की दुनिया अभूतपूर्व गति से विकसित हो रही है, और हमारे सामने आने वाली चुनौतियाँ जितनी जटिल हैं उतनी ही गतिशील भी हैं। ऐसे माहौल में पनपने के लिए इनोवेशन कोई विकल्प नहीं है; यह एक आवश्यकता है. यह वह चिंगारी है जो रचनात्मकता, विकास के इंजन और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के स्रोत को प्रज्वलित करती है। इनोवेशन के मूल में विचारों की शक्ति निहित है। प्रत्येक महान इनोवेशन रचनात्मकता की एक चिंगारी से शुरू होती है, और हमें इस चिंगारी को प्रोत्साहित करना चाहिए और उनका जश्न मनाना चाहिए, क्योंकि इसमें हमारे संगठन और वास्तव में दुनिया की दिशा बदलने की क्षमता है।
श्री रिचर्ड स्कट, प्रमुख, स्टीमहाउस, बीसीयू.यूके अपने साथ ढेर सारा अनुभव लेकर आए थे। उन्होंने यूके में इनोवेशन को बढ़ावा देने और स्टार्टअप का समर्थन करने में दो दशक से अधिक समय बिताया है। चर्चा का नेतृत्व करते हुए, श्री स्कट ने कहा कि इनोवेशन केवल प्रेरणा के क्षणों के बारे में नहीं है; यह एक ऐसा वातावरण बनाने के बारे में है जहां ये क्षण पनप सकें। इनोवेशन की संस्कृति वह है जहां सभी आवाजें सुनी जाती हैं, जहां सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है, और जहां जोखिम लेने को न केवल स्वीकार किया जाता है बल्कि प्रोत्साहित किया जाता है। लीडर के रूप में, इनोवेशन को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात को समझाने के लिए कई केस अध्ययनों का हवाला दिया कि हमें इसे जीना चाहिए, इसमें सांस लेनी चाहिए और उदाहरण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। टीमों को जोखिम लेने, प्रयोग करने और परिवर्तन को अपनाने के लिए सशक्त बनाने के लिए अटूट समर्थन आवश्यक है।
मास्टरक्लास में एक विविध समूह की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें सीआईआई (कन्फेडरशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री), फीको (फेडरेशन ऑफ़ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल ऑर्गेनाईज़ेशन्स), सीआईसीयू(चैम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग्स), और विभिन्न बिज़नेस क्लस्टर्स के सदस्य शामिल थे। इस आयोजन में इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप के नए रास्ते तलाशने के इच्छुक स्टार्टअप्स, उद्यमियों और छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी भी शामिल हुई।
चर्चा का समापन करते हुए, एमबीसीआईई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि हालांकि इनोवेशन अपनी चुनौतियों से रहित नहीं है और परिवर्तन का प्रतिरोध के साथ सामना किया जा सकता है, लेकिन इन चुनौतियों में ही हम अवसर ढूंढते हैं। प्रभावी संचार, शिक्षा और दृढ़ता इन बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकती है। इनोवेटर्स को पहचानना और पुरस्कृत करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। योगदान का जश्न मनाकर, हम न केवल टीमों को प्रेरित करते हैं बल्कि दूसरों को भी उनके नेतृत्व का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।
एमबीसीआईई के इनक्यूबेशन सेंटर के डायरेक्टर श्री शिबानंद दाश ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।