एमसीएम ने मनाया विश्व पृथ्वी दिवस 2022

 विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ के होर्टिकल्चर एंड लैंडस्केपिंग कमेटी, एनएसएस इकाइयों और पर्यावरण विज्ञान विभाग ने कई प्रासंगिक गतिविधियों का आयोजन किया। होर्टिकल्चर एंड लैंडस्केपिंग कमेटी, ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से स्वच्छता कार्य योजना 2022-23 के तहत ‘कॉलेज परिसर में सर्वश्रेष्ठ लॉन’ प्रतियोगिता का आयोजन किया। अंगीकृत गाँव बधेरी के सरकारी मॉडल हाई स्कूल में एनएसएस इकाइयों ने जागरूकता सह संवाद सत्र आयोजित किया। सत्र के प्रमुख वक्ता मेहर चंद महाजन डीएवी महिला कॉलेज, चंडीगढ़ के पर्यावरण विज्ञान विभाग से सहायक प्रोफेसर, डॉ. शफीला थीं । इस कार्यक्रम में श्रीमती संजोगीता, प्रधानाध्यापिका और सरकारी मॉडल हाई स्कूल, सेक्टर 41-डी, ग्राम बधेरी, चंडीगढ़ में शिक्षिका सुश्री गुरप्रीत भी उपस्थिति रहीं । सत्र में 80 से अधिक स्कूली बच्चों ने भाग लिया। डॉ. शफीला ने छात्रों को पर्यावरण के संरक्षण और हमारे ग्रह की रक्षा करने की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया और साथ ही मिट्टी और वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में भी बताया। उन्होंने छात्रों से सतत प्रथाओं को अपनाने का आग्रह किया उदाहरण के लिए उपयोग न होने पर लाइट बंद करना, परिवहन के लिए साइकिल का अधिक उपयोग, आरओ से अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग आदि। उन्होंने अपने व्याख्यान में पर्यावरण की रक्षा से इस ग्रह को संरक्षण देने के संदेश के साथ अपनी बात समाप्त की । सत्र के अंत में, एनएसएस स्वयंसेवकों ने दर्शकों को पर्यावरण के संरक्षण के तरीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए हाथ से बने पोस्टर प्रदर्शित किए। पर्यावरण विज्ञान विभाग ने कॉलेज के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के तत्वावधान में ‘पुष्प अपशिष्ट अभिनव पुनर्चक्रण’ पर एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया। सुश्री पूनम सहरावत, एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता, प्रभावशाली और प्रेरक वक्ता, इस ज्ञानवर्धक कार्यशाला की प्रमुख वक्ता थीं। सुश्री सहरावत ने फूलों के कचरे से अगरबत्ती, धूप, स्वास्तिक, गणेश जी बनाने की चरणबद्ध प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। उन्होंने फूलों के कचरे के पुनर्चक्रण में अपनी विशेषज्ञता को 74 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक अभिनव तरीके से साझा किया।
प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने इस तरह की प्रासंगिक गतिविधियों के माध्यम से छात्राओं में धरती माँ के प्रति सम्मान भाव विकसित करने के प्रयासों की सराहना की, जो हमारे ग्रह को मनुष्यों द्वारा किए जा रहे अंधाधुंध नुकसान के प्रभावों से बचाने की आवश्यकता का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि पृथ्वी दिवस को सही मायने में मनाने के लिए हमारे तरीकों को सुधारने और पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में हमारे योगदान का पुनर्मूल्यांकन करने पर एक विचारशील चिंतन होना चाहिए।