एमसीएम ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विश्व बांस दिवस मनाया

PANJAB UNIVERSITY
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चंडीगढ़ 19 सितम्बर 2021 
 भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को चिह्नित करते हुए मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ ने विश्व बांस दिवस मनाया। एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब, एनएसएस इकाइयों और कॉलेज के यूबीए सेल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह समारोह ‘आर्टिसन एग्रो इंडिया’ जयपुर के सहयोग से आयोजित किया गया था। वन और वन्यजीव विभाग, चंडीगढ़ से मुख्य वन संरक्षक और निदेशक, श्री देबेंद्र दलाई, आईएफएस और मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वुमन, की प्राचार्या, डॉ. निशा भार्गव,ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और सम्माननीय अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर आर्टिसन एग्रो इंडिया के संस्थापक निदेशक,श्री आर पी जोशी, और समाजशास्त्र विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय से डॉ विनोद कुमार, विशिष्ट अतिथि थे।
श्री देबेंद्र दलाई ने कॉलेज द्वारा लोगों को बांस के अपार पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों के बारे में शिक्षित व जागरूक करने के इस प्रयास की सराहना की। बांस की अपार उपयोगिता पर बात करते हुए श्री दलाई ने युवाओं को बांस उद्योग की संभावनाओं को अपनाने और राष्ट्र के विकास के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ निशा भार्गव ने प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की रक्षा के लिए बांस की असीम क्षमता के बारे में लोगों को शिक्षित करने में बांस दिवस समारोह के महत्व पर प्रकाश डाला। यह बताते हुए कि कोविड ने मानव जाति को प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के विनाशकारी प्रभावों को रोकने के लिए प्रेरित किया है, डॉ भार्गव ने जोर देकर कहा कि पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाने के लिए बांस के वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। श्री आर पी जोशी ने बांस दिवस के इतिहास, राष्ट्रीय बांस मिशन, बांस रोपण के लाभदायक व्यवसाय, व्यावसायिक उपयोग के लिए बांस की किस्मों और बांस के अंतहीन लाभों पर एक अत्यधिक जानकारीपूर्ण प्रस्तुति दी। डॉ विनोद कुमार ने कहा कि बांस, जिसे ग्रीन गोल्ड भी कहा जाता है, किसानों के साथ-साथ हम सभी के लिए एक संपूर्ण पैकेज है क्योंकि यह न केवल रोजगार और अच्छा रिटर्न प्रदान करता है बल्कि जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है, साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी बढ़ाता है ।
इस अवसर पर बांस उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। पर्यावरण संरक्षण के लिए एमसीएम की प्रतिबद्धता को चिह्नित करते हुए वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया जिसमें श्री देबेंद्र दलाई ने डॉ. निशा भार्गव के साथ परिसर में बांस लगाया। कॉलेज ने अट्टावा, बधेरी, बुटेरला, कजेहड़ी और मलोया के गांवों के नगर पार्षदों, सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया, जो पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज की एनएसएस इकाइयों और यूबीए सेल के साथ मिलकर काम करते हैं। इस आयोजन के दौरान पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ सदस्यों को भी सम्मानित किया गया।
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