चंडीगढ़, 17 फरवरी 2024
मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय, चंडीगढ़ के लीगल लिटरेसी सेल ने कॉलेज की इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी के सहयोग से ‘जेंडर इक्विटी एंड वीमेंस राइट्स : एक्सप्लोरिंग लेजिस्लेटिव फ्रेमवर्क्स’ पर एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में अधिवक्ता एवं भारतीय सूचना सेवा से सेवानिवृत्त अधिकारी सुश्री देवप्रीत सिंह, बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुईं ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से एक माह पूर्ण आयोजित इस कार्यक्रम का विशेष महत्व है क्योंकि महिला दिवस 2024 की थीम ‘काउंट हर इन : एक्सीलरेटिंग जेंडर इक्वलिटी थ्रू इकोनॉमिक इंपावरमेंट’ निर्धारित की गई है, जो सत्र के साथ संरेखित है, जिसमें स्त्री को कानूनी रूप से मजबूत एवं सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। सुश्री सिंह ने प्रतिभागियों को महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न कानूनों से अवगत कराया । मुख्य वक्ता ने पीछा करना, ताक-झांक, एसिड हमलों एवं यौन उत्पीड़न जैसे अपराधों के संबंध में आईपीसी के तहत प्रासंगिक दंड प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की । विद्यार्थियों को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ विशाखा दिशानिर्देशों के बारे में भी जागरूक किया गया। सत्र के दौरान घरेलू हिंसा अधिनियम और दहेज के लिए हत्या की जटिलताओं पर भी चर्चा की गई। सुश्री सिंह ने प्रतिभागियों की कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आईआईएस अधिकारी के रूप में अपनी यात्रा के कई व्यावहारिक अनुभवों को साझा कर सत्र को जीवंत बना दिया । कार्यक्रम के दौरान आईआईसी के सदस्यों द्वारा तैयार किए गए यौन उत्पीड़न विरोधी पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए।
प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने देश में विभिन्न कानूनी प्रावधानों के ज्ञान से विद्यार्थियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कानूनी साक्षरता सेल के इस प्रयास की सराहना की। इस सत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. भार्गव ने यह भी कहा कि समानता सुनिश्चित करने और अपने अधिकारों को बनाए रखने के लिए महिलाओं को उनके लिए उपलब्ध कानूनी सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है।