एमसीएम ने एमबीए और स्नातक के बाद करियर विकल्पों पर सत्र आयोजित किए

चंडीगढ़, 14 फ़रवरी 2025

मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वीमेन, चंडीगढ़ के करियर काउंसलिंग सेल ने ‘एमबीए मास्टरी: चैलेंजेज़, चॉइसेज़ एंड ऑपोर्ट्यूनिटीज़’ विषय पर एक इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया। इस सत्र में थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, थापर स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेज (पटियाला), और एलएम थापर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, डेराबस्सी में ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट प्रमुख के रूप में कार्यरत श्री संमीत सिद्धू मुख्य वक्ता रहे। इस सत्र में एमबीए करने की इच्छा रखने वाले 200 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। श्री सिद्धू ने सफलता, पहचान और छवि जैसे विषयों पर चर्चा के साथ सत्र की शुरुआत की, जिससे विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य, दृष्टि और मिशन को परिभाषित करने में सहायता मिली। उन्होंने साक्षात्कार में सफल होने के विभिन्न सुझाव साझा किए, जिसमें पैनल के भावों और विचारों को समझने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया । कार्यक्रम का समापन इंटरैक्टिव सत्र के साथ हुआ, जिसमें श्री सिद्धू ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर दिया और बहुमूल्य सुझाव दिए। एक अन्य कार्यक्रम में करियर काउंसलिंग सेल ने ‘करियर ऑप्शंस ऑफ़्टर ग्रेजुएशन’ विषय पर भी एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया। इस सत्र में श्री भरत जैन मुख्य वक्ता रहे, जो 2005 से शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। इस सत्र में सिविल सेवा, कानून, पत्रकारिता और मीडिया, मनोविज्ञान काउंसलिंग, शिक्षण और सामाजिक कार्य जैसे विभिन्न करियर विकल्पों पर चर्चा की गई। एमबीए को करियर के रूप में अपनाने की संभावनाओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त, वाणिज्य क्षेत्र में सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंसी), सीएस (कंपनी सेक्रेटरी), और सीएमए (कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंसी) जैसे करियर विकल्पों पर भी बात की गई, जो छात्रों को बिग 4 और बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) में सीधे अवसर प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स जैसे तेजी से बढ़ते नए युग के करियर विकल्पों पर भी प्रकाश डाला गया। सत्र का समापन एक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें श्री जैन ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब देकर उन्हें महत्त्वपूर्ण सलाह दी। कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या सुश्री सुमन महाजन ने करियर काउंसलिंग सेल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे सत्र विद्यार्थियों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाते हैं और उज्जवल भविष्य की नींव रखते हैं।