चंडीगढ़ १६-जुलाई -२०२१
मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ के समान अवसर सेल और विदेशी छात्र सेल ने ‘मोटिवेटिंग द मोटिवेटर्स’ शीर्षक से एक वेबिनार का आयोजन किया। सुविचार : थॉट लीडर्स के एक मंच के सहयोग से आयोजित वेबिनार में श्री विवेक अत्रे, पूर्व आईएएस, लेखक और प्रेरक वक्ता और श्री विपिन पब्बी, डीन, जनसंचार और पत्रकारिता, शूलिनी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश और रेजिडेंट एडिटर, इंडियन एक्सप्रेस, चंडीगढ़ रिसोर्स पर्सन के रूप में शामिल हुए । वेबिनार का उद्देश्य युवा दिमागों को इस योग्य बनाना है की वह विस्तृत क्षमताओं और कौशल को सीखने के लिए प्रेरित हो सके, जो बेहतर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें सकारात्मक तरीके से समाज में योगदान करने में सक्षम बनाते हैं।
अपने जीवंत संबोधन में, श्री विवेक अत्रे ने जोर देकर कहा कि वर्तमान कठिन समय दुनिया में सकारात्मकता लाने और खुशी सूचकांक को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरकों के एक जीवंत नेटवर्क के निर्माण की आवश्यकता है। यह कहते हुए कि सकारात्मकता एक सामूहिक पसंद होनी चाहिए, श्री अत्रे ने दर्शकों को हर संभव स्रोत से प्रेरणा और सकारात्मकता लेने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर बोलते हुए श्री विपिन पब्बी ने कहा कि जीवन जो कुछ भी प्रदान करता है- अच्छा या बुरा, उसे हमेशा सकारात्मकता के माध्यम से उसमें से अच्छाई निकालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिक सोचना मुख्य कारण है जिसे छोड़ देना चाहिए और इसके बजाय प्राप्त आशीर्वाद पर ध्यान देना चाहिए। वेबिनार को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली 330 से अधिक दर्शकों ने इसे देखा।
प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने युवाओं में सामाजिक सरोकारों की समझ विकसित करने और उन्हें प्रेरकों की भूमिका निभाकर सकारात्मकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित करने की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इस तरह के प्रयास बेहद महत्वपूर्ण हैं।
अपने जीवंत संबोधन में, श्री विवेक अत्रे ने जोर देकर कहा कि वर्तमान कठिन समय दुनिया में सकारात्मकता लाने और खुशी सूचकांक को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरकों के एक जीवंत नेटवर्क के निर्माण की आवश्यकता है। यह कहते हुए कि सकारात्मकता एक सामूहिक पसंद होनी चाहिए, श्री अत्रे ने दर्शकों को हर संभव स्रोत से प्रेरणा और सकारात्मकता लेने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर बोलते हुए श्री विपिन पब्बी ने कहा कि जीवन जो कुछ भी प्रदान करता है- अच्छा या बुरा, उसे हमेशा सकारात्मकता के माध्यम से उसमें से अच्छाई निकालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिक सोचना मुख्य कारण है जिसे छोड़ देना चाहिए और इसके बजाय प्राप्त आशीर्वाद पर ध्यान देना चाहिए। वेबिनार को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली 330 से अधिक दर्शकों ने इसे देखा।
प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने युवाओं में सामाजिक सरोकारों की समझ विकसित करने और उन्हें प्रेरकों की भूमिका निभाकर सकारात्मकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित करने की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इस तरह के प्रयास बेहद महत्वपूर्ण हैं।