चंडीगढ़ 14 मार्च 2022
मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) ने ‘आंत्रप्रेन्योर स्किल, एटीट्यूड एंड बिहेवियर डिवेलप्मेंट’ विषय पर एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया।
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कार्यशाला के लिए प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो. राज कुमार सिंह वाराणसी स्थित स्कूल ऑफ मेनेजमेंट में उद्यमिता, नवाचार और कौशल विकास केंद्र के अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग के प्रमुख और आर एंड डी के डीन शामिल हुए। कार्यशाला में कुल 117 छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। उद्यमिता कौशल, दृष्टिकोण और व्यवहार को विस्तृत अर्थ प्रदान करने के अलावा, प्रमुख वक्ता ने भारत जैसे विकासशील देश में अधिक स्टार्टअप और पेटेंट की आवश्यकता पर भी चर्चा की। प्रो. सिंह ने तकनीकी व्यवहार्यता, ग्राहक की वांछनीयता और व्यवसाय की व्यवहार्यता के मुख्य सिद्धांतों पर चर्चा की।
उन्होंने नवाचारों पर अपने विचारों को स्पष्ट करने के लिए shaadi.com, Naukri.com, मेक माई ट्रिप, क्लाउड किचन, किर्लोस्कर पंप आदि से प्रासंगिक उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि एक संस्थान में अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए, लागत लाभ, तकनीकी लाभ और कुशल रणनीति का विश्लेषण करना आवश्यक है। प्रतिभागियों ने सत्र को अत्यधिक जानकारीपूर्ण पाया।
प्रधानाचार्या डॉ. निशा भार्गव ने नवाचार कौशल के साथ छात्रों को सफल उद्यमी बनने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए एमसीएम आईआईसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार किया जा सकता है।