मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) ने ‘इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स एंड आईपी मेनेजमेंट फ़ॉर स्टार्ट-अप्स’ पर एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में इनोव इंटेलेक्ट एलएलपी की संस्थापक और निदेशक सुश्री पूजा कुमार बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुईं । कार्यशाला में 104 से अधिक छात्राओं और संकाय सदस्यों की भागीदारी दर्ज की गई। सुश्री पूजा ने महिला उद्यमिता के विशेष संदर्भ में स्टार्ट-अप की अवधारणा को पेश करके सत्र की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की अवधारणा और पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के विशेष संदर्भ में इसके विभिन्न प्रकारों की व्याख्या की। उन्होंने स्टार्ट-अप को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल और पंजीकृत आईपीआर के साथ स्टार्ट-अप से प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में भी बात की। एक अन्य गतिविधि में, आईआईसी ने टीटी कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनीत शर्मा द्वारा ‘आइडेंटिफ़ाइंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एट द अर्ली स्टेज ऑफ इनोवेशन’ शीर्षक से एक वेबिनार का आयोजन किया गया। सत्र की शुरुआत नवाचार की अवधारणा को समझाने के लिए उत्पादों की कुछ दिलचस्प केस स्टडीज के साथ हुई। श्री विनीत ने नवीन उत्पादों और विचारों को सुरक्षित रखने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों की प्रासंगिकता और महत्व पर विस्तार से बताया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के आईपीआर, उन्हें पंजीकृत कराने की प्रक्रिया और आईपीआर की वैधता की अवधि के बारे में जानकारी दी। केस स्टडीज की मदद से, उन्होंने उन उत्पादों पर चर्चा की, जो नवाचार के प्रारंभिक चरण में बौद्धिक संपदा का पंजीकरण न होने के कारण भारी मात्रा में राजस्व खो देते हैं। दोनों सत्रों में विद्यार्थियों की उत्साही भागीदारी देखी गई, सभी ने सत्रों को अत्यधिक जानकारीपूर्ण और उपयोगी पाया।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने आईपीआर की महत्वपूर्ण अवधारणा के बारे में भविष्य के नवोन्मेषकों को शिक्षित करने के लिए आईआईसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कॉलेज इस तरह की सार्थक पहलों के माध्यम से छात्राओं के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को व्यवस्थित रूप से बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी जा सके।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने आईपीआर की महत्वपूर्ण अवधारणा के बारे में भविष्य के नवोन्मेषकों को शिक्षित करने के लिए आईआईसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कॉलेज इस तरह की सार्थक पहलों के माध्यम से छात्राओं के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को व्यवस्थित रूप से बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी जा सके।