चंडीगढ़ 27 जुलाई 2021
मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ की चरित्र निर्माण समिति ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता- ‘जिज्ञासा’ का आयोजन किया। भारतीय जीवन शैली में संस्कृत के महत्व को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में ‘आज की दुनिया में संस्कृत का दायरा और मूल्य’ पर लेख लेखन और ‘रामायण/महाभारत के चरित्र से सीखे गए जीवन के सबक’ पर लघु कहानी लेखन शामिल रहा । प्रतियोगिता में देश के विभिन्न हिस्सों से 30 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। प्रतिभागियों के लिए संस्कृत या हिंदी भाषा में अपनी प्रविष्टियाँ प्रस्तुत करना आवश्यक था । प्रविष्टियाँ प्रतियोगिता के विषय को उपयुक्त दर्शाते हुए संस्कृत के विशाल दायरे और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालती हैं । इस प्रतियोगिता में विजेताओं को नकद पुरस्कार और ई-सर्टिफिकेट दिए गए।
प्रधानाचार्या डॉ. निशा भार्गव ने प्राचीन भारत द्वारा दुनिया को दिए गए बहुमूल्य खजाने के रूप में संस्कृत के महत्व को उजागर करने के लिए चरित्र निर्माण समिति की इस अनूठी पहल की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि संस्कृत को दुनिया में सबसे प्राचीन साहित्यिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है और इससे कई भाषाएँ निकली हैं, इसलिए यह जरूरी है कि इसे बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएँ ।
प्रधानाचार्या डॉ. निशा भार्गव ने प्राचीन भारत द्वारा दुनिया को दिए गए बहुमूल्य खजाने के रूप में संस्कृत के महत्व को उजागर करने के लिए चरित्र निर्माण समिति की इस अनूठी पहल की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि संस्कृत को दुनिया में सबसे प्राचीन साहित्यिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है और इससे कई भाषाएँ निकली हैं, इसलिए यह जरूरी है कि इसे बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएँ ।
प्रतियोगिता के परिणाम हैं:
प्रथम पुरस्कार: साहिल कुमार, गुरु नानक कॉलेज ऑफ एजुकेशन दलवाल, होशियारपुर
दूसरा पुरस्कार: खुशाल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जलारी, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
तीसरा पुरस्कार: रिया पुंडीर और साशी चौहान, मेहर चंद महाजन कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़
सांत्वना पुरस्कार: पूजा, गुरु नानक कॉलेज ऑफ एजुकेशन दलवाल, होशियारपुर