कोयला खनिकों की सुरक्षा के लिए उपाय

_Security of Coal Miners
कोयला खनिकों की सुरक्षा के लिए उपाय

Delhi: 13 DEC 2023  

कोयला मंत्रालय के अधीन कोयला कंपनियां अपने परिचालन में सुरक्षा तैयारियों के संबंध में जागरूक, जिम्मेदार और सक्रिय हैं। इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोयला खदानों का परिचालन सुरक्षित तरीके से किया जाए, जिससे कर्मचारियों के साथ-साथ खानों के आसपास के लोगों और पर्यावरण की भी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

कोयला खानों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खान के सभी परिचालन मौजूदा और प्रासंगिक विधि के अनुरूप व्यवस्थित रूप से नियोजित, डिजाइन और निष्पादित किए जाते हैं।

कोयला श्रमिकों के लिए कोयला खानों को सुरक्षित बनाने के लिए कोयला कंपनियों द्वारा उठाए जा रहे प्रभावी उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. कोयला खानों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खान अधिनियम- 1952, खान नियम 1955, कोयला खान विनियम- 2017 और उनके तहत बनाए गए उप-नियमों और स्थायी आदेशों के तहत वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन।
  2. स्थल विशिष्ट जोखिम मूल्यांकन आधारित सुरक्षा प्रबंधन योजनाओं (एसएमपी) की तैयारी और कार्यान्वयन।
  3. प्रमुख जोखिम प्रबंधन योजनाओं (पीएचएमपी) की तैयारी और कार्यान्वयन।
  4. स्थल-विशिष्ट जोखिम मूल्यांकन आधारित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का निर्माण और अनुपालन।
  5. बहु-विषयक सुरक्षा ऑडिट टीमों के माध्यम से खानों का सुरक्षा लेखा परीक्षा करना।
  6. स्ट्रेटा (परत) प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक प्रणाली को अपनाना जैसे कि-
  • वैज्ञानिक रूप से निर्धारित रॉक मास रेटिंग (आरएमआर) आधारित समर्थन प्रणाली। स्ट्रेटा सहायता प्रणाली की प्रभावकारिता की निगरानी के लिए स्ट्रेटा नियंत्रण कक्ष।
  • रेसिन और सीमेंट कैप्सूल के साथ रूफ बोल्टिंग के लिए मशीनीकृत ड्रिलिंग का उपयोग करके रूफ बोल्टिंग और आधुनिक स्ट्रेटा निगरानी उपकरणों का उपयोग करना।
  1. खान पर्यावरण की निगरानी के लिए तंत्र:
  • मीथेनोमीटर, सीओ-डिटेक्टर, मल्टी-गैस डिटेक्टर आदि द्वारा खान गैसों का पता लगाना।
  • पर्यावरण टेली-निगरानी प्रणाली (ईटीएमएस) और स्थानीय मीथेन डिटेक्टर (एलएमडी) आदि स्थापित करके खान पर्यावरण की स्थायी निगरानी।
  • बेहतर सटीकता के साथ खान वायु नमूना विश्लेषण के लिए गैस क्रोमैटोग्राफ का अनुप्रयोग।
  • व्यक्तिगत धूल नमूना (पीडीएस) का उपयोग।
  • परिवेशीय धूल सांद्रता का आकलन करने के लिए बड़े ओसीपी में स्थायी परिवेशीय वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (सीएएक्यूएमएस) का उपयोग।

8. ओसी खदानों के लिए विशिष्ट सुरक्षा उपाय:

  • विस्फोट मुक्त सुरक्षित खनन के लिए पर्यावरण-अनुकूल भूतल खनिकों का उपयोग। खान-विशिष्ट यातायात नियमों का निर्माण और कार्यान्वयन। एचईएमएम परिचालकों को सिमुलेटर पर प्रशिक्षण।
  • निकटता चेतावनी उपकरण, रियर व्यू मिरर व कैमरा, ऑडियो-विजुअल अलार्म (एवीए), स्वचालित आग का पता लगाने वाली और दमन प्रणाली आदि से युक्त डंपर।
  • परिचालकों के आराम के लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई सीटें और एसी केबिन।
  • ओसी खान के अंदर एचईएमएम की आवाजाही पर निगरानी रखने के लिए कुछ बड़े ओसीपी में जीपीएस आधारित परिचालक स्वतंत्र ट्रक प्रेषण प्रणाली (ओआईटीडीएस) और जियो-फेंसिंग की व्यस्था की गई है।
  • रौशनी के स्तर को बढ़ाने के लिए हाई मास्ट टावरों का उपयोग करके प्रकाश की व्यवस्था करना।
  1. खान सुरक्षा पर प्रशिक्षण:
  • कानून के अनुसार प्रारंभिक व रिफ्रेशर प्रशिक्षण और नौकरी के दौरान प्रशिक्षण। एचईएमएम परिचालकों को सिमुलेटर पर प्रशिक्षण।
  • विभिन्न विषयों पर निरंतर आधार पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात खान अधिकारियों का कौशल उन्नयन।
  • सुरक्षा समितियों के सदस्यों और संविदा कर्मियों सहित सभी कर्मचारियों को नियमित आधार पर जागरूक करना।
  • खान अधिकारियों के ज्ञान में बढ़ोतरी के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • सीआईएल के सिमटार्स मान्यता प्राप्त अधिकारियों द्वारा जोखिम प्रबंधन पर प्रशिक्षण।
  1. खान सुरक्षा निरीक्षण
  • पर्याप्त संख्या में सक्षम व वैधानिक पर्यवेक्षकों और खान अधिकारियों की ओर से सभी खनन कार्यों का चौबीसों घंटे पर्यवेक्षण।
  • हर एक खान में नियुक्त कामगार निरीक्षकों की ओर से नियमित निरीक्षण। खान और क्षेत्र स्तरीय अधिकारियों द्वारा बैक शिफ्ट खान का औचक निरीक्षण।
  • सीआईएल और सहायक कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर खान निरीक्षण।
  1. सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने को लेकर जमीनी स्तर के श्रमिकों के बीच सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए हर एक खदान में नियमित सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसे निम्नलिखित माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है:
  • शिफ्ट की शुरुआत में सुरक्षा वार्ता और शपथ, सुरक्षा पोस्टर
  • सचित्र होर्डिंग्स
  • स्थानीय केबल टीवी चैनलों के माध्यम से प्रचार
  • हर एक परिचालन और गतिविधि के लिए सुरक्षित अभ्यासों के कोड का प्रसार
  • विशेष और रिफ्रेशर प्रशिक्षण के दौरान एनिमेशन फिल्में और वीटीसी में वीटीसी मॉड्यूल फिल्में,
  • सभी खानों में मासिक पीएससी बैठक,
  • सभी श्रमिकों और अधिकारियों के बीच सुरक्षा वीडियो व सुरक्षा दिशानिर्देशों के प्रसार के लिए हर एक खदान में अनौपचारिक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है।
  1. विभिन्न सुरक्षा मापदंडों की निगरानी के लिए ऑनलाइन केंद्रीकृत सुरक्षा निगरानी प्रणाली “सीआईएल सुरक्षा सूचना प्रणाली (सीएसआईएस)”
  2. सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) जैसे सुरक्षा कर्मियों की तैनाती
  3. डीजीएमएस व पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद कोयला खानें काम करना शुरू करती हैं।
  4. अनुमति पत्र में लगाई गई शर्तों के कार्यान्वयन को डीजीएमएस अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के माध्यम से सत्यापित किया जाता है।

नदी, नाले, जोहड़ या सतही जल के अन्य स्रोत के पास की खानों को कोयला खान विनियम- 2017 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए आदेशों के अनुसार निर्देशित किया जाता है।

यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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