-`आप’ ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर आतंकी हमलों की निंदा की
-दो शिक्षकों की निर्मम हत्या बेहद दुखद, आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत
-नोटबंदी को लागू कर और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से आतंकवाद पर नकेल और घाटी में अमन-शांति कायम करने के दावे निकले झूठ
शुक्रवार 8 अक्तूबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के दो स्कूली शिक्षकों के हत्या मामले की निंदा करते हुए इसे अत्यंत दुखद बताया। शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में `आप’ के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पीड़ित परिवारों के प्रति संदेवना व्यक्त की और कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में कश्मीर में हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं। केंद्र सरकार लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में पूर्ण रूप से नाकाम रही है।
हरपाल सिंह चीमा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, पिछले पांच दिन में सात नागरिकों को टारगेट कर उनकी हत्याएं की गई हैं। स्पष्ट है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में पूर्ण रूप से विफल रही है। जिस सरकार ने कभी अनुच्छेद-370 और नोटबंदी के साथ कश्मीर में शांति स्थापित करने का दावा किया था, वह आतंकवाद पर अंकुश लगाने में नाकाम है और अब नागारिकों की मौत पर मौन साधे हुए है। चीमा ने कहा कि राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री होने का झूठा दावा करने वाले नरेंद्र मोदी को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। हालही के दिनों में आंतकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाना एक गंभीर विषय है। चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और आतंकियों को करारा जवाब देकर जेएंडके, देश और देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घाटी में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के अलावा अल्पसंख्यक समुदायों में भय की भावना पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। चीमा ने केंद्र सरकार से कश्मीर में पिछले चंद दिनों में हुई हत्याओं के संबंध में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है।
चीमा ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को विश्वसनीय बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा कश्मीर में तो अमन-शांति कायम रखने में नाकाम रही ही है, साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी धर्म, जाति और क्षेत्रवाद के नाम पर नफरत के बीज बीजने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। चीमा ने देशवासियों से अपील में कहा कि वे सद्भावना बनाएं रखें और नफरत व आतंक फैलाने वाली ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दें।