संसद में सांसद अरोड़ा: पंजाब में कपड़ा निर्यात में गिरावट

 

लुधियाना, 9 दिसंबर 2024

लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में पंजाब में कपड़ा उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पिछले तीन वर्षों में पंजाब से कपड़ा निर्यात के बारे में पूछा, जिसमें निर्यात मूल्य, शामिल उद्योग की संख्या और अमेरिका, यूरोपीय संघ और मध्य पूर्व जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बाजार हिस्सेदारी शामिल है। उन्होंने पंजाब के कपड़ा उद्योग के लिए बाजारों में विविधता लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी पूछा, खासकर बदलते वैश्विक व्यापार गतिशीलता और अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर। इसके अलावा, उन्होंने पंजाब के कपड़ा क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में कुशल कार्यबल विकास और उन्नत कपड़ा प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में पूछा।

सोमवार को यहां जारी एक बयान में, अरोड़ा ने कहा कि उनके सवालों का जवाब देते हुए, केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने पिछले तीन वर्षों के दौरान पंजाब से कपड़ा निर्यात (हस्तशिल्प सहित कपड़ा और परिधान) का विवरण प्रदान किया। इस प्रोविज़नल डेटा (लगभग) के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-2022 के दौरान पंजाब से निर्यात 2,111.5 मिलियन अमरीकी डॉलर था, इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 में 1,502.2 मिलियन अमरीकी डॉलर और वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 1,500.4 मिलियन अमरीकी डॉलर था।

मंत्री के उत्तर में उल्लेख किया गया है कि कपड़ा मंत्रालय (समर्थ) – स्कीम फॉर कैपेसिटी बिल्डिंग इन टेक्सटाइल सेक्टर (एससीबीटीएस) को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य मांग संचालित, प्लेसमेंट उन्मुख नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) अनुरूप स्किलिंग प्रोग्राम प्रदान करना है। इसके अलावा, अप्रैल 2021 से, पंजाब से समर्थ योजना के तहत लगभग 800 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है।

उत्तर में यह भी उल्लेख किया गया है कि कपड़ा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार इन क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता को समर्थन प्रदान करने और बढ़ाने के लिए एपेरेल/गारमेंट्स और मेडअप के निर्यात पर रिबेट ऑफ स्टेट एंड सेंट्रल टैक्सेज एंड लेविस (आरओएससीटीएल) स्कीम को लागू कर रही है। इसके अलावा, आरओएससीटीएल के अंतर्गत शामिल न होने वाले वस्त्र उत्पादों को अन्य उत्पादों के साथ-साथ आरओएससीटीएल के अंतर्गत कवर किया जाता है। इसके अतिरिक्त, सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों, क्रेता-विक्रेता बैठकों आदि के आयोजन और उनमें भागीदारी के लिए वाणिज्य विभाग द्वारा मार्किट एक्सेस इनिशिएटिव स्कीम के अंतर्गत विभिन्न एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिलों और ट्रेड बॉडीज को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

सरकार पंजाब सहित देश में भारतीय वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं/पहलों को लागू कर रही है। प्रमुख योजनाओं/पहलों में मॉडर्न, इंटीग्रेटेड, वर्ल्ड क्लास टेक्सटाइल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजनस एंड एपेरेल (पीएम मित्रा) पार्क स्कीम;  एमएमएफ फैब्रिक पर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम; एमएमएफ एपेरेल और टेक्निकल टेक्सटाइल्स के बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए; रिसर्च, इनोवेशन और डेवलपमेंट, प्रमोशन और मार्केट डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करने वाला नेशनल टेक्निकल मिशन; सेरीकल्चर वैल्यू चैन के व्यापक विकास के लिए रेशम समग्र-2; हथकरघा क्षेत्र को संपूर्ण समर्थन देने के लिए नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट प्रोग्राम शामिल हैं।

वस्त्र मंत्रालय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए नेशनल हैंडीक्राफ्ट्स डेवलपमेंट प्रोग्राम और व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना भी लागू कर रहा है।

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