लुधियाना, 2 अप्रैल, 2023 :- अरोड़ा ने आज यहां एक बयान में कहा कि उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार ने आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि का संज्ञान लिया है; यदि हां, तो सरकार द्वारा इस संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए कोई राष्ट्रीय नीति है; और यदि नहीं, तो क्या इसे जल्द से जल्द बनाया और कार्यान्वित किया जाएगा।
अपने जवाब में, केंद्रीय मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा चलाए जा रहे “इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) में जानवरों के काटने के आंकड़े दर्ज किए गए हैं। हालांकि, कुत्ते के काटने का कोई डाटा अलग से दर्ज नहीं किया जाता है। एनसीडीसी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार, आईडीएसपी में दर्ज किए गए वर्षवार पशु काटने के आंकड़ों से पता चलता है कि देश भर में एनिमल बाइट के मामलों में वर्षवार गिरावट आई है, जिनका विवरण इस प्रकार है: 2019 (72,77,523), 2020 (46,33,493), 2021 (17,01,133); और 2022 (14,50,666)।
लुधियाना से `आप’ सांसद (राज्य सभा) संजीव अरोड़ा द्वारा आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने राज्यसभा के हाल ही में आयोजित सत्र में ये आंकड़े उपलब्ध कराए थे।
केंद्रीय मंत्री ने आगे जवाब दिया कि केंद्र सरकार ने रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनआरसीपी) शुरू किया है। एनसीडीसी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार,एनआरसीपी की रणनीतियाँ हैं। इन रणनीतियों में नेशनल फ्री ड्रग इनीशिएटिवज़ के माध्यम से रेबीज वैक्सीन और रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन का प्रावधान; पशु काटने के उचित प्रबंधन, रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण, निगरानी और इंटरसेक्टोरल कोआर्डिनेशन पर प्रशिक्षण; जानवरों के काटने और रेबीज से होने वाली मौतों की रिपोर्टिंग की निगरानी को मजबूत करना; और रेबीज की रोकथाम के बारे में जागरूकता पैदा करना शामिल है।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने भी संबंधित अधिकारियों से उचित कार्रवाई करने और कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) रूल्स, 2023 को प्रभावी ढंग से लागू करने का अनुरोध किया है।
अरोड़ा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार ने संयुक्त रूप से ‘2030 तक भारत से डॉग मेडिएटेड रेबीज एलिमिनेशन (एनएपीआरई) के लिए नेशनल एक्शन प्लान’ शुरू किया है। आवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण और आवारा कुत्तों का प्रबंधन स्थानीय निकायों का काम है। केंद्र सरकार ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) रूल्स, 2023 बनाया है, जिसे आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्राधिकरण द्वारा लागू किया जाना है। नियमों का फोकस जनसंख्या स्थिरीकरण के साधन के रूप में आवारा कुत्तों के एंटी-रेबीज टीकाकरण और आवारा कुत्तों की नसबंदी पर है।
अरोड़ा ने आवारा कुत्तों की आबादी की जांच के लिए पर्याप्त उपाय करने के लिए स्थानीय नगर पालिका अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहर भर में 80,000 से अधिक आवारा कुत्तों की पहले ही नसबंदी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन उपायों से अंततः शहर में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में कमी आएगी।