पीयू में राष्ट्रिय संगोष्ठी का समापन

National seminar at PU concludes
पीयू में राष्ट्रिय संगोष्ठी का समापन

चंडीगढ़ 30 जनवरी 2024

भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रतिनिधि पुरुष स्वामी दयानन्द सरस्वती के बहुमुखी योगदान को लेकर पीयू में चल रही द्विदिवसीय राष्ट्रिय संगोष्ठी आज 30.1.24 को समाप्त हुई। संस्कृत विभाग द्वारा एक वर्ष का आर्षविद्या प्रभास सत्र आयोजित करने का संकल्प लिया गया था। पी.यू. के सौजन्य से स्वामी दयानन्द की 200वीं जन्म-जयन्ती विगत एक वर्ष से चल रही है, जिसमें अनेक व्याख्यान, कार्यशालाएँ तथा छात्रों की गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इसी शृंखला में  दो दिन का सेमिनार भी आयोजित किया गया। इस सेमिनार में उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री (उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के कुलपति) ने स्वामी जी द्वारा दिखाई गई वेदों की आख्यानशैली पर विशेष प्रकाश डाला तथा की-नोट स्पीकर प्रो. सुरेन्द्र कुमार (महर्षि  दयानन्द विश्वविद्यालय) ने उनके पत्रसाहित्य के आधार पर स्वामी जी की वेदनिष्ठा व राष्ट्रप्रेम से परिचित कराया। देश की विभिन्न भागों से आए प्रतिभागियों ने दयानन्द दर्शन की वेदमौलिकता को रेखांकित किया। समापन भाषण में प्रो. रणवीर सिंह (पूर्व अध्यक्ष, दयानन्द पीठ, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा) ने वेद के रहस्यों का उद्धाटन किरते हुए षितत्त्व को स्पष्ट किया। समापन सत्र के अध्यक्ष श्री हंसराज गान्धार, उप-प्रधान, डीएवी कॉलेज प्रबन्धकर्त्री समिति, नई दिल्ली ने स्वामी जी के वैदिक चिन्तन को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर भारतीय ऋषिपरम्परा का गुणगान किया।

समापन सत्र से पूर्व संवाद सत्र भी आयोजित कियागया, जिसमें श्रोताओं ने खूब प्रश्न किए, जिनका समाधान प्रो. वी. के. अलंकार, श्री गन्धार व श्रोताओं में उपस्थित श्री रमेश चन्द्र बावा आदि ने किया। यह बड़ा ही रोचक सत्र था।

संगोष्ठी में डॉ पुष्पेन्द्र जोशी (पटियालाडॉ. चन्दन लाल गुप्ता तथा डॉ. अम्बुज शर्मा (जीसीजी-11), ), अंशुल (शोधछात्र, दयानन्द वैदिक अध्ययन पीठ, पीयू), सन्दीप (शोधछात्र, दयानन्द वैदिक अध्ययन पीठ, पीयू)  आदि ने अपने शोधपत्र पढ़े।

सेमिनार के आयोजक प्रो. वी. के. अलंकार ने अपने समापन वक्तव्य में बताया कि वैदिक ज्ञान के प्रचार में एक समस्या है ग़लत अनुवाद। प्रो. अलंकार ने पशुरक्षा के लिए स्वामी दयानन्द के योगदान से श्रोताओं को अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि पीयू की वीसी प्रोफ़. रेणु विज ने स्वामी दयानन्द की 200वीं जन्मजयन्ती के कार्यक्रम में अत्यन्त रुचि दिखायी। पीयू की डीयूआइ प्रो. रुमिना सेठी ने भी इस आयोजन में अपना पूरा सहयोग दिया व संस्कृत के कार्यक्रमों के प्रति लगातार उत्साह दिखाने के लिए पीयू प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापन किया।