चंडीगढ़,
एमसीएम विज्ञान मंच के तत्वावधान में मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय, सेक्टर 36-ए, चंडीगढ़ के जूलॉजी विभाग और चरित्र-निर्माण समिति ने ‘पार्टनरशिप्स फॉर वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन’ विषय के तहत कई कार्यक्रमों के आयोजन के साथ राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह मनाया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रायोजित सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों,जीवों के महत्व और वन्यजीवों की खोज सहित उनके संरक्षण और सुरक्षा के बारे में जागरूक करना था; जिसके लिए आयोजित गतिविधियों में ‘एनिमल बिहेवियर’ पर पावरप्वाइंट प्रस्तुति, विभिन्न प्रजातियों के लुप्तप्राय जानवरों पर एनिमल पेबल्स पेंटिंग; ‘वन्यजीव संरक्षण’ विषय से संबंधित विषयों पर भाषण प्रतियोगिता; ‘वन्यजीव पर्यटन के फायदे और नुकसान’ विषय पर डिबेट; ‘लुप्तप्राय जलीय वन्यजीव’ विषय पर पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता; पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में कीड़ों की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए फोटोग्राफी प्रतियोगिता और हाथ की परछाई से छायांकन प्रतियोगिताएँ शामिल थीं ।
हाथ की परछाई से छायांकन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विभिन्न जानवरों की छवि बनाने के लिए अपने हाथों का उपयोग किया । वन्यजीव संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एमसीएम इको-क्लब ‘परिवेश’ के छात्र स्वयंसेवकों द्वारा वन्यजीवों से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इन कार्यक्रमों में विभिन्न संकायों के 150 से अधिक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विद्यार्थियों को प्रतिभागिता प्रमाणपत्र दिए गए तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कॉलेज प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने कहा कि वन्य जीवन हमारी प्राकृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह पर्यावरण को स्थिरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अवैध वन्यजीव व्यापार, आवासीय विनाश, आक्रामक प्रजातियों, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों को उजागर करने में प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की और विद्यार्थियों को लुप्तप्राय प्रजातियों के जीवन की सुरक्षा के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया।