पंजाब के सबसे अयोग्य नेता हैं सिद्धू, 15 सालों से लगातार सत्ता में रहने के बावजूद लोगों के लिए कुछ नहीं किया – राघव चड्ढा
सिद्धू 2007 से 2017 तक अकाली-भाजपा और 2017 से 2022 तक कांग्रेस सरकार का हिस्सा रहे, लेकिन लोगों के लिए काम करने के बजाए सिर्फ सत्ता के मजे लिए – राघव चड्ढ़ा
नवजोत सिद्धू के पास न तो पंजाब के लिए कोई विजन है, न ही कोई सोच, उनका सिर्फ एक ही मकसद, किसी भी तरह सत्ता पाना – राघव चड्ढा
सिद्धू सत्ता के बेहद लालची, अगर डीएमके उन्हें मुख्यमंत्री पद ऑफर करे तो वे तमिलनाडु चले जाएंगे और डीएमके ज्वाइन कर लेंगे – राघव चड्ढा
चंडीगढ़, 24 जनवरी 2022
पंजाब में कई बार सरकारें बदली, विभिन्न पार्टियां सत्ता में आई और गई, लेकिन यह शख्स पिछले 15 वर्षों से लगातार सत्ता में है। पार्टियां बदल-बदल कर इस शख्स ने हमेशा सत्ता का लाभा उठाया और सत्ता के मजे लिए। यह शख्स अकाली-भाजपा की सरकार में 10 साल और कांग्रेस सरकार में पांच साल तक तक सत्ता का हिस्सा रहा। लेकिन पिछले 15 सालों से सत्ता में रहने के बावजूद इस शख्स ने पंजाब और पंजाब के लोगों के भले के लिए कोई काम नहीं किया। उक्त बातें आम आदमी पार्टी(आप) के पंजाब मामलों के सह-प्रभारी राघव चड्ढ़ा ने कांग्रेस के पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में बोलते हुए कही।
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सोमवार को चंडीगढ़ में पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते चड्ढ़ा ने नवजोत सिद्धू पर निशाना साधा और कहा कि पंजाब में एक कहावत है कि साइकिल का भी स्टैंड होता है, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू का कोई स्टैंड नहीं हैं। पहले वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मूकमोहन सिंह कहते थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मुन्नी कहते थे और राहुल गांधी को पप्पू कहते थे। लेकिन सत्ता के लिए वे उसी कांग्रेस में चले गए जिसके शीर्ष नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं को वे गालियां देते थे। कांग्रेस में जाने के बाद जिस सोनिया गांधी और राहुल गांधी को वे मुन्नी और पप्पु कहते थें, उन्हें भगवान की तरह पूजने लगे। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की राजनीति के ड्रामा क्वीन हैं।
चड्ढ़ा ने कहा कि नवजोत सिद्धू के पास न तो पंजाब के लिए कोई विजन है और न ही कोई सोच है। उनका सिर्फ और सिर्फ एक ही लक्ष्य है, किसी भी तरह पंजाब का मुख्यमंत्री बनना और सत्ता पाना। सिद्धू को सीएम पद का इतना लालच है कि अगर उन्हें डीएमके कहे कि हम आपको मुख्यमंत्री बना देंगे तो वह मुख्यमंत्री बनने के लिए तमिलनाडु चले जाएंगे और डीएमके ज्वाइन कर लेंगे। चड्ढा ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के समय सिद्धू सांसद थे। 2017 से 2022 तक कांग्रेस के विधायक रहे और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन आज तक उन्होंने पंजाब के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। इसलिए कांग्रेस पार्टी भी अब सिद्धू को सीरियस नहीं लेती है।
चड्ढा ने कहा कि सिद्धू का असल दर्द यह है कि आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे वाले सर्वे में भगवंत मान को 93% से ज्यादा वोट मिले और उन्हें मात्र साढ़े तीन प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। भगवंत मान को पंजाब की जनता बेहद प्यार करती है। सांसद रहते हुए उन्होंने हमेशा पंजाब के लोगों की आवाज संसद से लेकर सड़क तक प्रमुखता के साथ उठाई है। उनके कार्यों और मेहनत की बदौलत ही आज पंजाब के लोग उन्हें इतना पसंद करते है और उन्हें पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।
चड्ढा ने कहा कि सिद्धू के आज के पीसी का मकसद सिर्फ पंजाब के लोगों को मुद्दे से भटकाना है। मुख्यमंत्री चन्नी के भतीजे के घर ईडी की रेड में मिले करोड़ों रुपए और उनके विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब के रेत माफिया के मुद्दे से भटकाने के लिए सिद्धू ने अपनी पीसी के दौरान आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के बारे में इस तरह के घटिया बयान दिए। हम उनके बयान की सख्त निंदा करते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की सत्ताधारी पार्टी के प्रधान हैं। इसलिए उन्हें अपनी बातों के मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। आज का उनका यह बयान उनके अन्दर के दर्द और बौखलाहट को दर्शाता है। क्योंकि कांग्रेस अब उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार नहीं हैं।
चड्ढा ने कहा कि जब से हमने मुख्यमंत्री के क्षेत्र चमकौर साहिब में हो रहे रेत माफिया का मीडिया के सामने पर्दाफाश किया है, उस समय से सिद्धू रेत माफिया पर कुछ नहीं बोल रहे है। रेत माफिया में मुख्यमंत्री चन्नी का नाम आने के बाद से वे पूरी तरह चुप है। जबकि पहले वह हमेशा ड्रग माफिया, रेत माफिया और अन्य माफिया का मुद्दा उठाते थे। चड्ढ़ा ने नवजोत सिद्धू से सवाल करते हुए कहा कि क्या अब वह भी रेत माफिया से मिल गए हैं, इसीलिए इस मुद्दे पर चुप हैं? चड्ढा ने कहा कि नवजोत सिद्धू बहुत हिसाब बताते हैं, अब वे बताएं कि जब मुख्यमंत्री चन्नी के सिर्फ एक भतीजे के घर से 11 करोड़ो रुपए मिले है, तो खुद मुख्यमंत्री ने 111 दिनों में कितने कमाए होंगे? जब 111 दिनों में उनके मुख्यमंत्री ने इतने पैसे बनाए, अगर वे 5 साल सीएम रहते तो कितने कमाते?