दवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न किया जायेः बलबीर सिंह सिद्धू

फूड एंड ड्रग्ज ऐडमिनस्ट्रेशन विभाग की कारगुजारी कि की समीक्षा
चंडीगढ़, 10 जूनः
फूड एंड ड्रग्ज एडमिनिस्ट्रेशन विभाग की कारगुजारी और लाॅकडाउन के समय के दौरान जरूरी दवाएँ उपलब्ध करवाने में विभाग की भूमिका की समीक्षा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू की अध्यक्षता में किसान भवन में राज्य स्तरीय मीटिंग की गई।
मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता उपायों की जांच के प्रयास के तौर पर नियमों का उल्लंघन करने वालों जो गैर मानक दवाएँ और अन्य मैडीकल उत्पादों की बिक्री करने में शामिल हैं, के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाजारों में बेची जा रही दवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न किया जाये क्योंकि राज्यभर में नियमों के सही पालन को यकीनी बनाना फूड एंड ड्रग ऐडमिनस्ट्रेशन विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में जरूरी दवाओं की कमी से बचने के लिए हर प्रकार की दवाओं की उपलब्धता यकीनी बनाने के लिए जरूरी प्रबंध किये जाएँ।
फूड एंड ड्रग्ज ऐडमनिस्ट्रेशन कमिश्नर स. काहन सिंह पन्नू ने मीटिंग में जानकारी दी कि एफ.डी.ए. की तरफ से गुणवत्ता जांच के लिए सैनेटाईजरों के 50 नमूने लिए गए हैं और साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों की अपेक्षा अधिक रेटों और सैनीटाईजर बेचने के लिए जरूरी वस्तुओं बारे एक्ट के अंतर्गत तकरीबन 11 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
श्री पन्नू ने बताया कि पहली तिमाही के दौरान जनवरी से मार्च तक 2421 निरीक्षण किये गए, जांच और विश्लेषण के लिए 724 नमूने लिए गए जिनमें से 38 नमूने मानक गुणवत्ता के नहीं पाए गए, ड्रग्ज एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के अंतर्गत अलग-अलग उल्लंघनाओं के लिए 10,54,281 रुपए की दवाएँ जब्त की गई, 67 लाइसेंस निरस्त किये गए थे, 2 लाइसेंस रद्द किये गए, नियमों का उल्लंघन के लिए डिफाॅल्टरों के विरुद्ध 39 मुकद्मे चलाए गए और अदालत की तरफ से 4 व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया।
मंत्री ने दवा रैगूलेटरों को दवाओं की उपलब्धता को यकीनी बनाने और गुणवत्ता को सख्ती के साथ नियमित करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर दवाओं की गुणवता के प्रति कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि कोई भी ग्राहकों से अधिक पैसे लेता है तो सख्त कार्यवाही की जायेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ड्रग्ज प्रशासन का प्रारंभिक उद्देश्य लोगों को सुरक्षित और प्रभावशाली दवाएँ सस्ती कीमतों पर उपलब्ध करवाना है जिससे लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके और मरीजों पर वित्तीय बोझ कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि कैमिस्ट ऐसोसिएशन के साथ विशेष मीटिंग आयोजित की जायेगी जिससे लोगों को मानक गुणवत्ता और सुरक्षित दवाओं की पहुँच सम्बन्धी ढांचा तैयार किया जा सके।
स्टेट ड्रग कंट्रोलर कम ज्वाइंट कमिश्नर, एफ एंड डीए श्री प्रदीप सिंह मट्टू ने कहा कि दवाएँ, कॉस्मेटिक, खून और खून सम्बन्धी पदार्थों की गुणवत्ता सम्बन्धी राज्य के हरेक जिले में नियुक्त किये गए ड्रग्ज कंट्रोल अधिकारियों की तरफ से निगरानी रखी जा रही है। ड्रग रैगूलेटर नियमित तौर पर बाजार और सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं से नमूने लेते हैं जिससे गुणवत्ता को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि ड्रग्ज ऐडमनिस्ट्रेशन ने जोखिम आधारित रणनीति और मौसम के रूझानों के आधार पर सैंपल लेने के लिए प्रोटोकाॅल और पूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को निर्धारित किया है।
सभी जोनल अथाॅरिटी, ड्रग इंस्पेक्टर और खाद्य एवं ड्रग्ज प्रबंधन विभाग के सीनियर अधिकारी भी मीटिंग में मौजूद थे।
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