राज्य सरकार की गैरसंजीदगी और प्रशासनिक ढ़ील मौजूदा संकट के लिए जिम्मेदार: शिरोमणी अकाली दल

CHANDUMAJRA
ਸੂਬਾ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਗੈਰ ਸੰਜੀਦਗੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਕੀ ਢਿੱਲ ਮੌਜੂਦਾ ਬਿਜਲੀ ਸੰਕਟ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ : ਅਕਾਲੀ ਦਲ
डिफाॅल्टर होने के कारण राज्य को समय से नही मिल रहा कोयला: प्रो. चंदूमाजरा
कहा कि यदि एक सप्ताह में स्थिति में सुधार न हुआ तो अकाली दल की कोर कमेटी लेगी सार्वजनिक जनआंदोलन के बारे फैसला

 

चंडीगढ़/12अक्टूबर 2021

शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा है कि राज्य सरकार की नालायकी तथा बेपरवाही के कारण मौजूदा संकट बना है तथा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मीटिंग में यह मामला न उठाना सरकार की लापरवाही का सूचक है।

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आज यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कांग्रेस पार्टी तथा सरकार शीर्ष कुर्सी की लड़ाई में लिप्त है तथा बिजली संकट की तरफ ध्यान नही दिया । उन्होने कहा कि आज मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा प्रधानमंत्री को चिटठी लिखी जा रही है, पर उस मीटिंग में यदि यह मामला उठाया होता तो शायद मौजूदा संकट पैदा ही न होता।

अकाली नेता ने यह भी कहा कि पंजाब में कोयला संकट इसीलिए हुआ है क्योंकि बिजली निगम के पास कोयला इंडिया लिमिटेड डिफाॅल्टर है। उन्होने कहा कि कोयला आपूर्ति के नियम स्पष्ट हैं कि जो पहले एडवांस अदायगी करते हैं, उन्हे सबसे पहले कोयला मिलता है, जो सप्लाई होने पर तुरंत अदायगी करते हैं, फिर उन्हे कोयला दिया जाता है। अंत में डिफाॅल्टरों को कोयला सप्लाई मिलती है। उन्होने कहा कि बिजली निगम के पास कोयला इंडिया लिमिटेड पर करोड़ों का कर्जा है, जिसके कारण पंजाब को कोयला देरी से मिल रहा है। उन्होने कहा कि जहां बिजली निगम के  पास कोयला इंडिया कर्ज में है, वहां पंजाब के बिजली निगम के हजारों रूपये बकाया हैं। उन्होने बताया कि पंजाब सरकार ने बिजली सब्सिडी के 3600 करोड़ रूपये देने हैं, जबकि 2000 करोड़ रूपये सरकार कार्यालयों के बिजली की अदायगी बकाया है। उन्होने कहा कि ऐसे में बिजली निगम का डिफाॅल्टर होना प्राकृृतिक है।

उन्होने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण आज राज्य बिजली के संकट से ग्रस्त है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार की नालायकी के कारण ही सरकारी खजाने पर बोझ पड़ गया है। उन्होने कहा कि बिजली निगम बिजली खरीदने के लिए मजबूर है कि कुल 14 रूपये 46 पैसे प्रति यूनिट की दर से 1450 मैगावाट बिजली खरीदी गई है। यह करोड़ों का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ रहा है जो बोझ आखिर में लोगों पर पड़ेगा।

उन्होने कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने स्पष्ट किया है कि 430 लाख टन कोयला भंडार पड़ा है तथा कोयले की कोई कमी नही है पर सरकार मापदंड पूरे न करने के कारण कोयला प्राप्त करने में विफल रही है।

उन्होने कहा कि बिजली आज के जीवन में बेहद जरूरी है तथा पंजाब जैसे खेतीबाड़ी वाले राज्य में बिजली न मिलने के कारण 20 फीसदी बासमती सिंचाई न होने के कारण प्रभावित हो रही है तथा गेंहू की बिजाई पर असर होने के आसार हैं।

उन्होने कहा कि शिरोमणी अकाली दल जल्द ही कोर कमेटी की मीटिंग बुलाकर फैसला करेगा कि यदि बिजली आपूर्ति में सप्ताह भर में सुधार न हुआ , कोयले का प्रबंध न किया गया तो फिर अकाली दल सड़कों पर जनआंदोलन करेगा।

उन्होने सरकार को फिजूल खर्च बंद करके डिफाॅल्टरो की सूची से निकलने के लिए शीघ्र काम करने के लिए कहा। उन्होने कहा कि कुर्सी की लड़ाई में बार बार चार्टड जहाज लेेने तथा हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल छोड़कर आने तथा कभी लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल करना फिजुलखर्ची है।

मीडिया द्वारा मेघालय की स्थिति के बारे में पूछे सवाल का जवाब देते हुए प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि मेघालय मेें सिखों का उजाड़ा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होने कहा कि वहां रह रहे सिख लंबे समय से वही बैठे हैं तथा पहले 1987 तथा फिर 2012 में इस बारे में फैसला हो चुका है तथा अब नए सिरे से भू-माफिया के प्रभाव में मुददा दोबारा उठाया जा रहा है। उन्होने कहा कि  आज देश में अल्पसंख्यकों के मन में डर पैदा करने की कोशिश की जा  रही है , जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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