आम घरों के नहीं, कैप्टन को कांग्रेसी बेटे व भतीजों की फिक्र – हरपाल सिंह चीमा

आप की सरकार बनने पर मैरिट तोडऩे वालों पर करेंगे सख्त कार्यवाही-आप
कैप्टन ने भाई भतीजावाद त्याग वायदे मुताबिक़ घर-घर नौकरी क्यूं नहीं दिया
चंडीगढ़, 25 जून 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आम घरों के पढ़े-लिखे, होनहार और काबिल बेटे-बेटियां कैप्टन अमरिंदर सिंह के एजेंडे पर नहीं हैं, जो रोजगार (नौकरियों) के लिए वर्षों से भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। पिछली बादल सरकार की तरह कैप्टन सरकार को भी अपने विधायकों, मंत्रियों और नेताओं के बेटे-बेटियां ही काबिल दिखाई देते हैं, जबकि सत्ता ‘घर घर नौकरी’ के वायदे से संभाली थी।
शुक्रवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर में पेस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने ऐलान किया कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर नियम कानून और मैरिट तोड़ कर कांग्रेसी विधायकों, मंत्रियों और अन्य नेताओं के बेटे व भतीजों को बांटी गई नौकरियों की जांच और सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। इतना ही नहीं लोगों के टैक्सों से भरते सरकारी खजाने से वेतन के रूप में लूटा पैसा भी इन से ब्याज समेत वसूला जायेगा। इस मौके पार्टी के प्रदेश महा सचिव हरचन्द सिंह बरसट भी मौजूद थे।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एक तरफ देश दुनिया में पंजाब का नाम रौशन करने वाले मैडल विजेता पैरा ओलम्पिक खिलाडिय़ों को नौकरियों के साथ मान-सम्मान दिए जाने की बजाए लाठियों के साथ पीटा जा रहा है। दूसरी ओर सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के भाई को सीधा डी.एस.पी, विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे को सीधा इंस्पैक्टर और विधायक राकेश पांडे के बेटे को नायब तहसीलदार जैसी अफ़सरशाही नौकरी दे दी जा रही हैं। जबकि सुनील जाखड़ के भतीजे अजय वीर जाखड़ को पंजाब फार्मर्ज़ कमिशन का चेयरमैन, तृप्त रजिन्दर बाजवा के बेटे व सुख सरकारिया के भतीजे को जिला परिषदों के चेयरमैन, बरिन्दरमीत सिंह पाहड़ा के भाई और बलबीर सिंह सिद्धू के भाई को नगर निगमों के मेयर, राणा गुरमीत सोढी के पुत्र हीरा सोढी को सूचना कमिश्नर, दीपइन्दर ढिल्लों के पुत्र को नगर कौंसिल का प्रधान और गुरप्रीत सिंह कांगड़ के पुत्र को बठिंडा सैंट्रल को-आपरेटिव बैंक के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर का मैंबर बनाया गया है। क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपने मोती महल से पटियाला में रोजगार के लिए टावर पर बैठे होनहार योग्य नौजवान नजर नहीं आ रहे? क्या कैप्टन को संगरूर में महीनों से पक्के मोर्चे पर बैठे आम घरों के बेहद लायक और योग्य बेटे-बेटियां नजर नहीं आते? जो हर तीसरे दिन सरकार के अत्याचार का शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के घर के समक्ष नौकरियों की मांग कर रहे पैरा ओलम्पिक खिलाडिय़ों और उनके संघर्ष में शामिल हुए ‘आप’ के विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर पर पुलिस ने लाठियों से पीटा और गिरफ़्तार कर थानों में बंद कर दिए गए।
चीमा ने दोष लगाया कि बादलों की तरह कैप्टन ने भी माफिया राज और भाई भतीजावाद को ही उत्साहित किया, जिसकी अनगणित मिसालें हैं। इतना ही नहीं पंजाब की चेयरमेनियों, डायरैक्ट्रियों समेत एडवोकेट जनरल (ए.जी) दफ्तरों में भी कांग्रेसियों के अपने बेटे-बेटियों का ही कब्जा है। यही कारण है कि बिना मैरिट के लगे इन बेटे भतीजों के कारण पंजाब सभी अहम केस हारता आ रहा है।
चीमा ने मांग की है कि सरकार भाई भतीजावाद त्याग कर अपने चुनावी वायदे मुताबिक़ घर-घर नौकरी मुहैया करवाए। उन्होंने भरोसा दिया कि 2022 में आप की सरकार बनने के उपरांत मैरिट और पारदर्शिता के साथ बड़े स्तर पर रोजगार मुहैया करवाए जाएंगे।

 

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