छले पांच वर्षों के दौरान कुल कोयला उत्पादन

_Pralhad Joshi
Pralhad Joshi

Delhi: 05 FEB 2024 

भारत में पिछले पांच साल में कोयले के उत्पादन के आंकड़े-

(संख्या एमटी में)

वर्ष 2018-19 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23
ऑल इंडिया 728.72 730.87 716.08 778.21 893.19

 

वर्तमान में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में उसकी सहायक कंपनियों और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में कार्यरत जनशक्ति क्रमशः 2,31,058 और 42,003 है। इसके अलावा, सीआईएल और एससीसीएल में क्रमशः 1,06,522 और 25,181 लोग कॉन्ट्रैक्चुअल हैं। उपरोक्त के अलावा, अन्य कोयला कंपनियों में लगभग 38,024 व्यक्ति कार्यरत हैं। कुल मिलाकर लगभग 4.43 लाख लोग कार्यरत हैं।

कोयले के अवैध खनन को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:

i. सरकार ने अनधिकृत कोयला खनन गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए एक मोबाइल ऐप “खनन प्रहरी” और एक वेब ऐप कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (सीएमएसएमएस) लॉन्च किया है ताकि कानून और व्यवस्था प्राधिकरण द्वारा इस पर निगरानी और उचित कार्रवाई की जा सके।

ii. इन क्षेत्रों में पहुंच और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए छोड़ी गई अंडरग्राउंड खदानों के मुहाने पर कंक्रीट की दीवारें बनाई गई हैं।

iii. सुरक्षा कर्मियों और संबंधित राज्य सरकार के कानून एवं व्यवस्था प्राधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से औचक छापेमारी/जांच की जा रही है।

IV. ओवरबर्डन की डंपिंग आउटक्रॉप जोन में की जा रही है।

V.संवेदनशील स्थानों पर जांच चौकियां बनाई गई हैं।

VI. सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मौजूदा सुरक्षा/सीआईएसएफ कर्मियों का प्रशिक्षण, रीफ्रेशर ट्रेनिंग और सिक्युरिटी डिस्पलिन में नए रंगरूटों का बुनियादी प्रशिक्षण।

VII. राज्य प्राधिकारियों के साथ निकट संपर्क।

VIII.विभिन्न स्तरों पर समिति/टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

कोयला उत्पादन के दौरान विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए विभिन्न अधिनियमों, नियमों और विनियमों के तहत सभी वैधानिक प्रावधानों का पालन किया जाता है। डीजीएमएस के साथ पंजीकृत कोयला खदानों सहित खदानों में कार्यरत श्रमिकों की व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य, खान अधिनियम, 1952 और उसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों के तहत सुनिश्चित किया जाता है। खान अधिनियम, 1952 को खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) द्वारा उपयुक्त नियमों, विनियमों, मानकों और दिशानिर्देशों के विकास, निरीक्षण, दुर्घटनाओं की जांच, जागरूकता गतिविधियों और जोखिम प्रबंधन योजना और मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) को तैयार करके लागू किया जाता है।

यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।