दिल्ली, 11 DEC 2023
पिछले दस वर्षों के दौरान विदेशों में मिले पुरावशेषों (एंटीक्विटीज) में तमिलनाडु से ले जाए गए 31 पुरावशेष ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका से वापिस प्राप्त हुए हैं
अवैध रूप से निर्यात किए गए भारतीय पुरावशेषों की स्वदेश वापसी किसी भी राज्य को ध्यान में रखे बिना करवाई जाती है। जब भी किसी स्थान से पुरावशेष की चोरी की सूचना मिलती है, तो वहां से संबंधित पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जाती है और चोरी किए गए पुरावशेष का पता लगाने एवं इसके अवैध निर्यात को रोकने के उद्देश्य से निगरानी रखने के लिए सीमा शुल्क निकासी (कस्टम एग्जिट) चैनल सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ‘लुक आउट नोटिस‘ जारी किया जाता है। किसी भी पुराकालिक वस्तु का पता चलने की स्थिति में , उसकी पुनर्प्राप्ति के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समन्वय में संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा ऐसे मामले को आगे बढ़ाया जाता है।
सरकार देश से बाहर ले जाए गए भारतीय मूल के पुरावशेषों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जब भी भारतीय मूल की ऐसी कोई प्राचीन वस्तु विदेश में सामने आती है, तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) उनकी पुनर्प्राप्ति के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से विदेश स्थित भारतीय दूतावासों / मिशनों के साथ इनके मामले उठाता है। एएसआई ने वर्ष 1976 से 2023 तक विदेशों से 357 पुरावशेष पुनः प्राप्त किए हैं, और जिनमें से 344 पुरावशेष 2014 के बाद से पुनः प्राप्त किए गए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति,पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी.किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में दी है ।