मुख्यमंत्री ‘आढ़तियों’ को भी उसी तरह से धोखा दे रहे जिस तरह से समाज के सभी वर्गों को धोखा दिया: शिरोमणी अकाली दल
चंडीगढ़/01अप्रैल , 2021
शिरोमणी अकाली दल ने आज जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उसी तरह से ‘आढतियों’ को मुर्ख बना रहे जिस तरह से उन्होने समाज के अन्य वर्गों को धोखा दिया तथा उन्हे डायरेक्ट बनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के मुददे पर प्रधानमंत्री को लिखा पत्र सार्वजनिक करने को कहा है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि हास्यास्पद है कि मुख्यमंत्री यह आश्वासन दे रहे हैं कि वर्तमान डीबीटी प्रणाली जिसके तहत अनाज की सरकारी खरीद का भुगतान ‘आढ़तियों’ को किया जाता है तब जारी होगा जबकि उनकी सरकार ने केंद्र को लिखित आश्वासन दिया था कि चालू सत्र से किसान खातों में सीधे हस्तांतरण की नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार को केंद्र को आश्वासन दिए डेढ़ साल हो गए हैं कि वे केंद्र द्वारा प्रस्तावित व्यवस्था को लागू करेगी तथा एक सफल प्रणाली को समाप्त कर देगी। ‘मुख्यमंत्री पंजाब में नई व्यवस्था बंद करवाने के लिए खाद्य मंत्री तथा प्रधानमंत्री से मिलने में विफल रहे। अब भी वह आढ़तियों के साथ अपनी मीटिंग में प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की बात करते रहे हैं लेकिन पंजाब में नई व्यवस्था थोपी न जाए, इसके लिए कुछ ठोस नही किया।
पंजाबियों से राज्य के प्रति केंद्र के भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार रहने की अपील करते हुए प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि केंद्र तीनों खेती अधिनियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के लिए पंजाबियों को दंडित करना चाहता है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री केंद्र के सामने खड़े नही हुए। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण विकास निधि में केंद्र द्वारा 800 करोड़ रूपये बकाया का मामला भी नही उठाया।
अकाली नेता ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा घोषित नए विनिर्देश भी पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद को रोकने की साजिश का हिस्सा थे। उन्होने कहा कि नमी की मात्रा के साथ साथ बदरंग अनाज पर सरकारी खरीद को गलत ढ़ंग से कड़ा कर दिया गया
मुख्यमंत्री को कोरे आश्वासन देने के बजाय किसानों के अधिकारों के साथ साथ ‘आढ़तियों’ के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम डठाने चाहिए। उन्होने कहा कि फसल खरीद को एक सप्ताह देरी की कहते हुए कहा कि जब तक सरकार किसानों के लंबित मुददों का समाधान नही करती तब तक राज्य में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।