पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथॉरिटी ने पहली वर्चुअल राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई

चंडीगढ़, 12 दिसंबर:
माननीय जस्टिस डा. एस. मुरलीधर, जज, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और कार्यकारी चेयरमैन, पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथॉरिटी की दूरदर्शी नेतृत्व अधीन कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य भर में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई।
इतिहास में यह पहली बार हुआ जब राष्ट्रीय लोक अदालत फिजिक़ल ढंग के अलावा इलैक्ट्रॉनिक ढंग के द्वारा लगाई गई। इस साल 8 फरवरी, 2020 को लगाई गई पहली राष्ट्रीय लोक आदलत के बाद यह दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत थी।
एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एस.ओ.पी.) को अंतिम रूप दिया गया है और लोक अदालत के बैंचों, वकीलों और केस से संबंधित पक्षों की सुविधा के लिए जि़ला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के सम्बन्धित जि़ला और सैशन जजों-कम-चेयरपर्सनों के ज़रिये यह पंजाब के सभी 22 जिलों को भेजा गया।
माननीय जस्टिस डा. एस. मुरलीधर, जज, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और कार्यकारी चेयरमैन, पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथॉरिटी ने अमृतसर, फतेहगढ़ साहिब, मोगा, फिऱोज़पुर, रोपड़ और पटियाला जिलों का वर्चुअल ढंग के द्वारा निरीक्षण किया और विभिन्न बैंचों में चल रही कार्यवाही में हिस्सा लिया। रकम, किराए की वसूली, स्थायी आदेश और विवाह सम्बन्धी झगड़ों के साथ जुड़े विभिन्न मामलों का निपटारा किया गया।
विवाह सम्बन्धी झगड़े, जायदाद के झगड़े, मोटर एक्सीडेंट, दावों के साथ जुड़े झगड़ों, रिकवरी के मामलों, क्रिमिनल कम्पाउंडेबल मामलों, नैगोशीएबल इंस्ट्रूमैंट एक्ट की धारा 138 अधीन चैक बाऊंनसिंग सम्बन्धी मामलों समेत बड़ी संख्या में मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान 363 बैंचों में  48,000 से अधिक केस निपटारो के लिए रखे गए, जिनमें से 18,500 से अधिक मामलों का सही ढंग से निपटारा किया गया, जिसमें 250 करोड़ रुपए से अधिक निपटारा राशि वाले लम्बित अदालती मामलों के साथ-साथ प्री-लिटीगेटिव केस भी शामिल हैं।
मतभेदों को दूर करने के उपरांत पक्षों की सहमति के साथ अलग-अलग अवार्ड पास किये गए। कानूनी सेवाएं अथॉरिटी एक्ट, 1987 की धाराओं के अनुसार कोर्ट फीस वापस करने का आदेश दिया गया।
कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस डा. एस. मुरलीधर के सख्त यत्नों और भागीदारी ने बड़ी संख्या में मामलों के हल में अहम भूमिका निभाई और मुकदमा लडऩे वालों के चेहरों की खोई हुई मुस्कान और उम्मीद वापस लाई।
जि़ला कपूरथला से सम्बन्धित एक मामले में लोक अदालत बैंच ने 14 साल पुराने विवाह सम्बन्धी झगड़े केस को सुलझाते हुए बड़ी सफलता हासिल की।
पक्षों सम्बन्धी मामलों को वापस लेने के लिए सहमति हो गई। इस मौके पर लोगों को किसी भी किस्म की कानूनी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1968 पर संपर्क करने के लिए भी जागरूक किया गया। मुफ़्त कानूनी सहायता सभी के लिए, ख़ास तौर पर दबे-कुचले वर्गों के लिए उपलब्ध है। हमारे टोल फ्री नंबर और अदालतों के अहाते में जि़ला और तालुका स्तर पर स्थापित ऑफिस मुकदमा लडऩे वालों के मार्गदर्शन कि कौन और कैसे मुफ़्त और प्रभावशाली कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है, के लिए मौजूद हैं। अपना मामला आने वाली लोक अदालत में उठाने के लिए किसी भी तरह की सहायता के लिए लोग हर जि़ले में स्थित कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के फ्रंट ऑफिस और सब-डिविजऩल कोर्ट के साथ संपर्क कर सकते हैं और मुख्य दफ़्तर से भी सहायता माँगी जा सकती है।
पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के मैंबर सचिव अरुन गुप्ता ने बताया है कि अब राष्ट्रीय लोक अदालत आने वाले साल में राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के शड्यूल के अनुसार लगाई जाएंगी। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वह अपने झगड़ों के जल्द और सही ढंग से निपटारे के लिए आगे आने वाली इस लोग अदालत का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
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