पंजाब के मुख्यमंत्री ने सी.बी.आई. की तरफ से बेअदबी मामलों में राज्य की जांच में रोड़े अटकाने के लिए की गई ताज़ा कोशिश की कड़ी आलोचना की
चंडीगढ़, 24 नवम्बर:
पंजाब के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) की तरफ से बरगाड़ी बेअदबी मामले में हाई कोर्ट में झूठी बयानों के द्वारा रोड़ा अटकाने की चालें खेलने की कड़ी आलोचना की है और यहाँ तक कि हाई कोर्ट ने भी मौखिक तौर पर सी.बी.आई. की इस कार्यवाही को ‘घृणित’ करार दिया है।
हाई कोर्ट की तरफ से सोमवार को मौखिक तौर पर की टिप्पणियों का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बेअदबी के मामलों को और लटकाने और जांच को भटकाने के लिए सी.बी.आई. की कोशिशों से केंद्रीय एजेंसी के बुरे इरादे जग ज़ाहिर हो गए परन्तु राज्य सरकार जांच को लटकाने की कोशिशों को सफल होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि बेअदबी मामलों की जांच को किसी निष्कर्ष पर पहुंचाये बिना केस को बंद करने के बाद सी.बी.आई. की तरफ से अब राजनैतिक तौर पर प्रेरित कदम उठाए जा रहे हैं जिससे राज्य सरकार को अपने स्तर पर यह जांच पूरी करने से रोका जा सके।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से सोमवार को केस में शामिल एक मुलजिम की तरफ से पाई रिविऊ पटीशन रद्द करते हुये जुबानी तौर पर कहा, ‘सी.बी.आई. की यह कार्यवाही घृणित है।’ अदालत ने महसूस किया कि यह सोचा गया था कि सी.बी.आई. अपने तौर तरीके बदल लेगी परन्तु अब दायर किये एक अन्य हलफऩामे के मुताबिक सी.बी.आई. ने परसोनल और प्रशिक्षण विभाग (डी.ओ.पी.टी.) को जानकारी दी कि राज्य की तरफ से सहमति वापिस लेना ग़ैर-कानूनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत के बोले शब्दों या तो बहरे कानों पर कोई असर नहीं हुआ या फिर सी.बी.आई. जानबुझ कर केस को दफऩ करने की कोशिशें कर रही है और केंद्रीय एजेंसी ने यह भी यकीनी बनाया कि यह मामला कानूनी निष्कर्ष पर न पहुँचे। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में सी.बी.आई. का यह शर्मनाक बरताव ही था कि उनकी सरकार को मामले की जांच की सहमति वापिस लेने के लिए मजबूर किया गया और किसी भी अन्य मामले में राज्य की आगामी मंजूरी के बिना दख़ल न देने का कदम उठाना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेअदबी मामलों को अपने हाथ में लेने के समय से लेकर पंजाब पुलिस ने इसको हल करने के लिए बड़े कदम उठाये हैं और इसी कारण केंद्रीय जांच एजेंसी, जो राजनैतिक आकाओं के इशारों पर काम कर रही है, को यह बात हज़म नहीं हो रही।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बेअदबी के मामले किसी की तरफ से भी राज्य और यहाँ के लोगों पर किये जा सकने वाले बहुत ही घृणित जुर्म थे। उन्होंने कहा कि मामले में रुकावट डालने और दोषियों को बचाने की कोशिशों में स्पष्ट तौर पर हित शामिल हैं जबकि वह और उनकी सरकार ऐसा होने की किसी भी कीमत पर इजाज़त नहीं देगी। उन्होंने कहा कि दोषियों को कानून के कटघरे में खड़ा किया जायेगा और बेकसूर लोगों को न्याय दिलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. को राज्य पुलिस की तरफ से जा रही जांच में विघ्न डालने के मंसूबों में सफल नहीं होने दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.बी.आई. की तरफ से मामले से जुड़ी फाइलें पंजाब को सौंपने में नाकाम रहने और उसके बाद अदालत में लिए गए स्टैंड से यह स्पष्ट होता है कि राज्य की तरफ से जा रही जांच को अटकाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि न तो अदालत और न ही राज्य सरकार एजेंसी के झूठों को बर्दाश्त करेगी।