मछली पालकों को तलाबों में पानी का स्तर 6-7 फुट रखने और तापमान के अनुसार ख़ुराक देने की सलाह
चंडीगढ़, 30 दिसंबर 2023
पंजाब के मछली पालन विभाग ने राज्य के मछली पालकों को सर्दियों दौरान जल-जीवों, जिनको सर्दी में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है, के संभाल संबंधी जागरूक करने हेतू ऐडवाइजऱी जारी की है। पंजाब के पशु-पालन, डेयरी विकास एवं मतस्य पालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि सर्दियों के मौसम दौरान तापमान में गिरावट आने के मद्देनजऱ राज्य के मछली पालकों को मछलियों के तालाब में पानी का स्तर 6-7 फुट तक बनाये रखने की सलाह दी जाती है जिससे निचले गर्म ज़ोन में हाईबरनेशन के लिए मछलियों को अपेक्षित जगह मुहैया करवाई जा सके।
इसके अलावा किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि वह तापमान के हिसाब से मछलियों को ख़ुराक दें, जैविक ख़ुराक के प्रयोग को घटायेें या बंद करें क्योंकि अतिरिक्त फीड तालाब के तल पर एकत्रित होनी शुरू हो जाती है, जिससे पानी की गुणवत्ता बिगडऩे लगती है। इसके अलावा किसानों को पानी में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए प्रात:काल तालाब में ताज़ा पानी डालने या एरीएटरों का प्रयोग करने तथा तालाब में पानी में पी. एच. स्तर की नियमित निगरानी को यकीनी बनाने की सलाह भी दी गई है।
कैबिनेट मंत्री ने मछली पालकों को अपने फार्मों में ऑक्सीजन की गोलियाँ या पाउडर रखने की सलाह भी दी है। इसके अलावा सर्दियों के मौसम दौरान फिन रोट, गिल रोट, ई. यू. एस. और आरगूलोसिस जैसी बीमारियों से प्रभावित होने वाली मछलियों को बचाने के लिए तालाब में 400 मिलिलीटर प्रति एकड़ सी. आई. एफ. ए. एक्स. का प्रयोग करने की सलाह दी है।
एडवाइजरी अनुसार ऐलगल बलूमज़, जो पानी में अधिक पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी के कारण पैदा होती है, को 1-2 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से पोटाशियम परमैंगनेट (KMn04) के प्रयोग से कंट्रोल किया जा सकता है।