चंडीगढ़, 22 जनवरी 2025
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य में नशों की समस्या को जड़ से खत्म करने और नशा मुक्त पंजाब बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने गैर-सरकारी संगठन नारकोटिक्स एनोनिमस (एन.ए.) के सहयोग से एक नई पहल की है।
इस संबंध में जानकारी उन्होंने एन.ए. के राज्य स्तरीय सदस्यों और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान साझा की। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण और अनूठी पहल न केवल नशे को छोड़ने से जुड़ी प्रचलित भ्रांतियों और गलतफहमियों को दूर करने में मदद करेगी, बल्कि नशे की लत को लेकर खुली और निष्पक्ष चर्चा को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे नशाग्रस्त व्यक्तियों को सहानुभूति और समझदारी के साथ मुख्यधारा में वापस लाया जा सके।
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि नशाखोरी पंजाब के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि नशे का सेवन न केवल सामाजिक समस्याओं को जन्म देता है, बल्कि इंजेक्शन के माध्यम से नशा करने वाले व्यक्तियों में एच.आई.वी., एच.सी.वी. और टी.बी. जैसी घातक बीमारियों के शिकार होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पंजाब में मुफ्त नशा छुड़ाओ सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी है, क्योंकि राज्य में 529 ओ.टी. क्लीनिक, 36 उपचार केंद्र और 19 पुनर्वास केंद्र कार्यरत हैं। उन्होंने नशाग्रस्त मरीजों की रीलैप्स दर को कम करने के लिए पुनर्वास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एन.ए. महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मंत्री ने आगे कहा कि यह साझेदारी राज्य में नशे की समस्या से निपटने में बेहद मददगार साबित होगी।
एन.ए. की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सहायक निदेशक (मानसिक स्वास्थ्य) डॉ. संदीप भोला ने बताया कि नशा पीड़ित मरीज डॉक्टरों की बजाय अपने साथियों के साथ अधिक खुलकर बातचीत करते हैं। उन्होंने आगे कहा, “यह एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए एन.ए. के पीयर एजुकेटर्स नशा छोड़ने की राह में आने वाली बाधाओं से निपटने में नशा पीड़ितों की सहायता कर सकते हैं।”
इस बैठक में सहायक निदेशक डॉ. मंजू बांसल और मेडिकल अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह ने भी भाग लिया।
एन.ए. के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य मंत्री को पंजाब से नशों के खात्मे में अपने पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया।