मुख्य सचिव द्वारा शहरियों को साफ़ पीने योग्य पानी देने वाले विश्व बैंक की सहायता प्राप्त प्रोजैक्ट के काम में तेज़ी लाने पर ज़ोर

मुख्य सचिव द्वारा शहरियों को साफ़ पीने योग्य पानी देने वाले विश्व बैंक की सहायता प्राप्त प्रोजैक्ट के काम में तेज़ी लाने पर ज़ोर

चंडीगढ़, 10 सितम्बर:

लोगों को मानक बुनियादी सेवाएं प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता के अंतर्गत पंजाब के मुख्य सचिव श्री विजय कुमार जंजूआ ने पंजाब म्युनिसिपल सर्विसिज इम्परूवमैंट प्रोजैक्ट (पीएमएसआईपी) के काम में तेज़ी लाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।

पंजाब म्युनिसिपल सर्विसिज इम्परूवमैंट प्रोजैक्ट (पी.एम.एस.आई.पी.) को पूरा करने के लिए विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि पी.एम.एस.आई.पी. विश्व बैंक, एशियन बुनियादी ढांचा निवेश बैंक और पंजाब सरकार द्वारा साझे तौर पर फंड प्राप्त 300 मिलियन डॉलर का प्रोजैक्ट है। उन्होंने कहा कि इस अहम प्रोजैक्ट का उद्देश्य अमृतसर और लुधियाना के नागरिकों के लिए पीने वाले पानी की सप्लाई को बेहतर बनाना है, जिससे इन शहरों में पानी की सप्लाई की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि यह प्रोजैक्ट शहरी ई-गवर्नेंस पहलकदमियों जैसे कि संपत्ति प्रबंधन और पूँजी निवेश योजना को भी शुरू करेगा और उक्त दोनों शहरों के लिए यूएलबी की 100 फीसदी मल्कीयत वाली पानी की समर्पित सुविधाएं स्थापित करने में मदद करेगा, जोकि बेहतर जल सप्लाई के लिए नागरिकों को जवाबदेह होंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि पाँच वर्षीय प्रोजैक्ट अक्तूबर 2021 में शुरू किया गया था और विश्व बैंक की एक टीम ने इसी हफ्ते अमृतसर और लुधियाना का दौरा करके प्रोजैक्ट की प्रगति और अमल का जायज़ा लिया था। उन्होंने पी.एम.एस.आई.पी. के सफलतापूर्वक लागूकरण को सुनिश्चित बनाने के लिए पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस प्रोजैक्ट से अमृतसर और लुधियाना को अगले तीन दशकों तक साफ़ और मानक पानी की सप्लाई मिल सकेगी।

मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव को अब तक की प्रगति के बारे में अवगत करवाया गया। अमृतसर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डिज़ाइन और संचालन का 90 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट प्रगति अधीन है, जो 2024 के मध्य में पूरा हो जाएगा।

इसी तरह लुधियाना में भी बोली लगाने सम्बन्धी प्रस्ताव अंतिम पड़ाव में है और जल्द ही इसको अमली जामा पहनाया जाएगा। प्रोजैक्ट टीम ने जी.आई.एस. मैपिंग, वित्तीय प्रबंधन, प्रॉपर्टी टैक्स प्रशासन, जी.आर.एम. और नागरिक पहुँच सम्बन्धी अगले कदमों पर सहमति अभिव्यक्त की। इस बात पर भी सहमति बनी कि प्रोजैक्ट द्वारा पंजाब के सभी 13 एम.सीज में इमरजैंसी रिस्पॉन्स और राहत केन्द्रों को मज़बूत करने के लिए 10 मिलियन डॉलर का प्रयोग किया जाएगा, जिसके अंतर्गत मौजूदा इमरजैंसी रिस्पॉन्स ढांचे को बेहतर सुविधाओं जैसे कि टेस्टिंग सैंटरों, स्टोरेज, रिमूवएबल पारटिशन्ज़ फॉर कॉमन हॉल और उपकरणों के साथ अपग्रेड किया जाएगा।

मीटिंग में अन्यों के अलावा स्थानीय सरकार विभाग के प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव और पी.एम.आई.डी.सी. के सी.ई.ओ. भी मौजूद थे।

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