पंजाब द्वारा सी-डैक ई-संजीवनी ओपीडी प्रणाली के द्वारा मुफ्त डाॅक्टरी सलाह देने की शुरूआत

चंडीगढ़, 24 अप्रैलः
पंजाब सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य के लोगों के लिए निर्विघ्न स्वास्थ्य सेवाओं को यकीनी बनाने के लिए एक नागरिक केन्द्रित पहल की है। पंजाब सरकार ने आज सी-डैक मोहाली द्वारा विकसित एकीकृत टैलीमेडीसनल सल्यूशन, ‘ई-संजीवनी-आॅनलाइन ओपीडी’ (डाॅक्टर से मरीज तक) की शुरूआत की है। यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों के आम लोगों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। यह लोगों को वीडियो काॅन्फ्रंेस के द्वारा माहिर डाॅक्टरों के नैटवर्क के साथ जुड़ने और घर बैठे ही स्वास्थ्य संबंधी आम समस्याओं के लिए डाॅक्टरी इलाज और सलाह लेने के लिए प्लेटफाॅर्म प्रदान करता है।
आज यहाँ से जारी प्रैस बयान के द्वारा इस संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती केन्द्रों में टैलीमेडसीन सेवाओं के अलावा प्रशासनिक सुधारों और लोक शिकायत विभाग के सक्रिय सहयोग से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस प्रोग्राम को राज्य भर में लागू किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डाॅक्टरी सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के अलावा, ई-संजीवनी असमान वितरण और बुनियादी ढांचे की कमी और मानवसंसाधनों की कमी से संबंधित मुद्दों को कुछ हद तक हल करने में सहायक होगा। ई-संजीवनी का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण तथा अमीर बनाम गरीबों के बीच मौजूद डिजिटल अंतर को दूर करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को समान बनाना है। आगे उन्होंने ई-संजीवनी ओपीडी की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला जिसमें
मरीजों की रजिस्ट्रेशन
टोकन जनरेशन
कतार प्रबंधन
संबंधित डाॅक्टर से आॅडीयो-वीडियो मशवरा
ईप्रिसक्रिप्शन
एसएमएस / ईमेल नोटीफिकेशन
राज्य के डाॅक्टरों द्वारा सेवाएं (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से)
पूरी तरह मुफ्त सेवा
पूरी तरह काॅन्फिगर करने योग्य (रोजमर्रा के स्लाॅटों की संख्या, डाॅक्टरों / क्लीनिकों की संख्या, वेटिंग रूम स्लाॅट्स, सलाह मशवरे की समय सीमा आदि).
एप्लीकेशन में अवांछित तत्वों के विरुद्ध सुरक्षा का एक उच्च स्तर है। उन्होंने आगे बताया कि जिला स्तर पर कामों को सुचारू ढंग से जारी रखने के लिए जिला प्रशासन सुधार और लोक शिकायत विभाग ने जिले के डाॅक्टरों की टीमों की सहायता के लिए जिला तकनीकी कोआॅर्डीनेटर (डीटीसी) या जिला ईगवर्नेंस कोआॅर्डीनेटर (डी.ई.जी.सी) नियुक्त किये हैं।
श्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि हमारे कुछ माहिर डाॅक्टरों को 24 अप्रैल, 2020 को ई-संजीवनी प्लेटफाॅर्म, इसके प्रोटोकोल और कामकाज बारे सी-डैक, मोहाली द्वारा वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि पंजाब में डाॅक्टर पिछले एक दशक से ई-संजीवनी (डाॅक्टर से डाॅक्टर) प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए ई-संजीवानी-आॅनलाइन ओपीडी (डाॅक्टर से मरीज) प्लेटफाॅर्म को अपनाने में उनको बहुत समय नहीं लगेगा। इसका एक उपभोक्ता-अनुकूल इंटरफेस है जो ग्रामीण और शहरी वातावरण में तकनीकी समझदारी और तुलनात्मक तौर पर नये डाॅक्टरों / प्रयोक्ताओं को एप्लीकेशन के प्रयोग में सहायता करता है। उन्होंने आगे कहा कि तालाबन्दी के दौरान गैर-ऐमरजैंसी मामलों में डाॅक्टरों तक पहुँच न करने के कारण नागरिकों में कुछ हद तक बेचैनी है। उन्होंने आगे कहा कि यह तकनीक समाज के सभी वर्गों को कर्फ्यू और कोविड-19 महामारी के दौरान मानक डाॅक्टरी सलाह और इलाज की सविधा मुहैया करवाने में सहायता करेगी।
यह विशेषता कौवा पंजाब मोबाइल एप्लीकेशन में भी उपलब्ध है जो एंड्राॅयड के लिए गूगल प्ले स्टोर और अन्य आईओएस के लिए एप्पल एपस्टोर पर उपलब्ध है।
ई-संजीवनी-ओपीड के लाभ लेने के लिए मरीज / व्यक्ति के पास एक कंप्यूटर, लैपटाॅप या टेबलेट (टैब) के साथ-साथ एक अलग या इनबिल्ट वैबकैम, माईक्रोफौन, स्पीकर और एक 2 एमबीपीएस या तेज इन्टरनेट कनैक्शन होना चाहिए। मुफ्त मैडीकल सलाह प्रदान करने के लिए शुरू में राज्य स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टरों की एक टीम सोमवार से शनिवार (प्रातःकाल 10 बजे से 1 बजे तक) उपलब्ध रहेगी और जरूरत पड़ने पर यह लोगों के फीडबैक के आधार पर बढ़ाई जा सकती है। यह सुविधा उन बीमार लोगों के लिए लाभकारी होगी जो कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अस्पतालों में जाने से डर महसूस कर रहे हैं।

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