जस्टिस रंजीत आयोग तथा एस.आई.टी रिपोर्ट ने कभी भी पुलिस फायरिंग मामले तथा बेअदबी केसों के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को कभी भी दोषी नही ठहराया , इन रिपोर्टों के आधार पर ही हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया

सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला दैवीय निर्णय और गुरु साहिबान के फैसले की शुरूआत

 सिद्धू राम रहीम की तुलना गुरु नानक देव जी से करता पकड़ा गया

 मजीठिया ने सिद्धू द्वारा राम रहीम के पैर छूने की तस्वीरें तथा वीडियो के विस्फोटक सबूत जारी किए

 मजीठिया ने कैप्टन से कहालोगों को कोविड महामारी महामारी से बचाने के लिए बेरहम रवैया  अपनाएंकहा ककि लोगों को बचाने के लिए राजनीति से उपर उठकर काम करें

 शिअद ने  राजनीतिक बदलाखोरी के लिए विजीलैंस ब्यूरौ का दुरूपयोग का विरोध किया , कहा कि

बदलाखोरी की राजनीति का हमसे ज्यादा शिकार कोई नही हुआ

 कहा कि 1984 के बाद कांग्रेस का देश की सत्ता में अंत हो गया– अब पंजाब में बेअदबी में झूठ बोलने के बाद पंजाब में इसका खात्मा हो जाएगा

 चंडीगढ़/18मई , 2021:  शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज यहां कहा कि ‘ कांग्रेस के झूठ के विपरीत, जस्टिस रंजीत सिंह आयोग और कुंवर विजय प्रताप सिंह द्वारा दायर एसआईटी दोनों रिपोर्टों में पुलिस फायरिंग के मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल को कभी दोषी नही ठहराया गया। वास्तव में, दोनों रिपोर्टों में सरदार परकाश सिंह बादल यां सुखबीर सिंह बादल को यां तो गोलीबारी यां बेअदबी केी घटनाओं के लिए दोषी ठहराने से स्पष्ट रूप से इंकार किया गया है । रिपोर्टों की सिफारिशों में कही भी सरदार परकाश सिंह बादल यां सुखबीर सिंह बादल को उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा उनपर लगाए गए आरोपों पर किसी भी गलत काम में दोषी नही पाया गया ।

श्री मजीठिया ने इस बात को पुख्ता  करने के लिए आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होने कहा कि केवीएस की एसआईटी की न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर भरोसा किया गया तथा हाईकोर्ट के फैसले में दोनों में से कोई सच्चाई या योग्यता नही पाई गई।

अकाली नेता ने कांग्रेस यां आप में अपने आलोचकों को पार्टी की खुली चुनौती दोहराते हुए कहा कि वे सार्वजनिक रूप से अदालत में पेश करें और मीडिया में किसी भी सबूत को दें जो वे दावा करते हैं कि उनके पास बेअदबी पर अकाली नेताओं के खिलाफ हैं । उन्होने कहा कि ‘ मां का दूध पीया है तो मैदान में आके सबूत पेश करो’।

‘अगर उनके पास सबूत है यां था तो उन्होने इसे खालसा पंथ यां एसआईटी यां अदालत के सामने पेश क्यों नही किया, तो यह श्री गुरु ग्रंथ साहिब और खालसा पंथ के खिलाफ विश्वासघात है, और दोषी को दंडित करने के लिए उस सबूत का उपयोग न करना भी बेअदबी है। अकाली नेता ने कहा ‘ कैप्टन, जाखड़, सुखी रंधावा, चन्नी यां सिद्धू उन सभी को खालसा पंथ और न्यायपालिका को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होने बेअदबी के दोषी लोगों के बारे सबूत क्यों छिपा रहे हैं।

श्री मजीठिया ने नवजोत सिद्धू के ‘ डेरा सच्चा सौदा के साध गुरमीत राम रहीम के पैर छूने और गुरु नानक देवे जी से तुलना करने की तस्वीरें और वीडियो सबूत पेश किए और कहा, इस पाखंडी के चरित्र और राम रहीम के भक्त’ के बारे मेें यही सच्चाई है। मजीठिया ने कहा कि राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े चोले को पहनकर बेअदबी की थी, और इससे नाराज होने के बजाय सिद्धू खुद गुरु नानक देव जी पातशाह की तुलना इस धार्मिक ठग से करता है’।

श्री मजीठिया ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा ‘ पंजाब में कोविड महामारी के बुरी तरह फैलने से बहुत गंभीर स्थिति हो गई है’। अकाली नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों को अपने भाग्य पर छोड़ दिया है और पीड़ितों खासतौर पर गरीबों के साथ क्रूर  व्यवहार किया जा रहा है।

उन्होने सरकार को चेतावनी दी कि पंजाब में कोविड महामारी के विस्फोट गांवों को प्रभावित करने का खतरा पैदा हो गया है जहां हमारे अधिकांश लोग रहते हैं। स्थिति बेहद गंभीर है तथा चिंताजनक है और हम सब पंजाबियों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। हम राजनीति की लड़ाई बाद में भी लड़ सकते हैं। शिरोमणी अकाली दल लोगों को बचाने के लिए जो कुछ भी कर सकता है उसमें सरकार का पूरा सहयोग करेगा। इस घड़ी मे ंहम गुरु साहिबान की दृष्टि और संदेश से मानवता को घातक वायरस से बचाना चाहिए।

बेअदबी के मुददे के बारे बोलते हुए श्री मजीठिया ने कहा कि कुंवर विजय प्रताप और जस्टिस रंजीत सिंह की विफलता को दोषी ठहराने और राजनीतिक रूप से अकाली नेताओं को खत्म करने की विफलता ‘दैवीय न्याय की शुरूआत का प्रतीक है। कैप्टन, सिद्धू, जाखड़ आदि और उनकी पार्टी को अब पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के लिए झूठ बोलने के लिए दैवीय गुस्से का सामना करने के लिए तैयार होना होगा।

जस्टिस रंजीत सिंह और उनके ‘ आज्ञाकारी’ पुलिस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की खबरों के बारे में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह, जाखड़ , रंधावा, प्रताप और राजिंदर बाजवा और  बलबीर और नवजोत सिद्धू आदि का उनकी ही रिपोर्टों से गलत साबित हो रहे हैं।

कांग्रेस में अंतर पार्टी कलह पर टिप्पणी करते हुए श्री मजीठिया ने कहा कि कैप्टन और उनका गिरोह इस मुददे पर राजनीतिक मतभेदों की नौटंकी कर रहे हैं’। ‘ कांग्रेसी नेताओं ने ‘बरसाती मेंढ़क गीत’ दोहरा रहे हैं क्योंकि आगामी चुनावों में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा।

 पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी ‘जुंडली’ आयोग और एसआईटी की रिपोर्ट पर भी झूठ बोल रहे हैं ताकि बेअदबी के मुददे पर सिख जनता की आंखों में धूल झोंकी जा सके। दोनो न्यायिक आयोग के साथ साथ विजय प्रताप और एसआईटी दोनों ने पुलिस फायरिंग मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल को दोषी ठहराने से साफ इंकार कर दिया।

जस्टिस रंजीत सिंह और ‘आज्ञाकारी ’ पूर्व पुलिस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की रिपोर्ट के बारे में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह , जाखड़ रंधावा, बाजवा, प्रताप, और तृप्त राजिंदर और सिद्धू, बलबीर और नवजोत के झूठ उजागर हो रहे हैं, उन्होने कुंवर विजय प्रताप के आयोग और एसआईटी की अंतिम रिपोर्टो से इंकार किया है।

ये नेता बेअदबी के एक संवेदनशील मुददे को केवल राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं , जिसमें नवजोत सि़द्धू  एक्सेल करते हैं तथा मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं। ‘ उन्होने लोकसभा चुनाव रैली के दौरान बठिंडा में ऐसा ही किया, वादा किया कि जब तक बादलों को फांसी नही दी जाती , तब तक वह सोंएंगे नही। उसके बाद से दो साल उससे किसी ने भी बेअदबी के बारे में कुछ नही सुना। लेकिन अब उसने बरसाती मेंडक का गीत गाना शुरू कर दिया है क्योंकि उसे पता है कि विधानसभा आने वाले हैं।

श्री मजीठिया ने फायरिंग की घटना के बारे में जस्टिस रंजीत सिंह की रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें पूर्व न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गवाहों ने भी इस बात की पुष्टि दी है कि  सरदार बादल ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश जारी किए कि बेअदबी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाना चाहिए और उन्हे रोकनेे के लिए बल का उपयोग नही होना चाहिए। ‘ फिर भी कैैप्टन के नेतृत्व में झूठ बोल रहे हैं तथा लोगों को बता रहे हैं  कि आयोग और एसआईटी ने इस संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री को दोषी पाया है।

श्री मजीठिया ने कहा कि गुरु महाराज और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज ने सिखों के हत्यारों के झूठ और सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल मेें टैंक चढ़ाने वालों को बेनकाब कर न्याय दिलाया है। इन सिख विरोधियों के हाथ न केवल हजारों निर्दोष सिखों के खून से सने हैं बल्कि श्री हरमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर फौजी हमले के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अनगिनत सरूप तबाह करके बेअदबी करने के दोषी हैं।

उन्होने कहा कि कांग्रेस ने 1984 का सिख कत्लेआम किया तथा पार्टी को गुरु साहिब ने सजा दी तथा उस समय से इसका पतन होना शुरू हो रहा है यह सारे देश में खत्म हो गई है। उन्होने कहा कि अब पंजाब में कांग्रेस की खात्मे की बारी है क्योंकि इसने श्री गुरु गं्रथ साहिब जी के नाम पर पाप किए हैं।

श्री मजीठिया ने इस बात की घोर निंदा की कि मुख्यमंत्री के पार्टी के अंदर तथा बाहरी राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए विजीलैंस ब्यूरो का दुरूप्योग किया जा रहा है। उन्होने कहा कि बदलेखोरी की इस राजनीतिक की पीड़ा को अकाली दल से ज्यादा किसी ओर ने नही देखा। उन्होने कहा कि इसी कैप्टन ने सरदार परकाश सिंह बादल तथा सुखबीर सिंह बादल को झूठे केंसों में फंसाया तथा जेल भेजा था। उन्होने कहा कि हम इस घिनौनी कार्रवाई का जोरदार विरोध करते हैं।

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